भोपाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं. कमलनाथ ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मंगलवार शाम को मुलाकात की थी. ये बैठक खड़गे के आवास पर हुई. मीटिंग में एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद आलाकमान ने मध्य प्रदेश में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कमलनाथ को निर्देश दिए हैं.
दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार से निराश न हों, बल्कि कमर कस लें और लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करें.
प्रदेश अध्यक्ष ने बढ़ाया कार्यकर्ताओं का मनोबल
पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश करते हुए कमलनाथ ने आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार को याद किया, जब इंदिरा गांधी और संजय गांधी जैसे दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा था और कैसे पार्टी ने वापसी की और तीन बार प्रभावशाली जीत दर्ज की.
कमलनाथ ने हार के कारणों की रिपोर्ट मांगी
कमलनाथ ने पार्टी कार्यालय में राज्य में जीतने और हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें केंद्र में अपनी सरकार बनाने के लिए चार महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए पूरे दिल से काम करना चाहिए. उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों और नवनिर्वाचित विधायकों से 10 दिनों में कांग्रेस की हार के कारणों का विवरण देने वाली दो अलग-अलग रिपोर्ट भेजने को कहा. उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले पूरे राज्य का दौरा करेंगे.
कमलनाथ ने चुनावी हार के बाद कही थी ये बात
चुनाव में मिली हार के बाद कमलनाथ ने कहा था कि हम इस लोकतांत्रिक प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश के मतदाताओं के जनादेश को स्वीकार करते हैं. हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. कांग्रेस के दिग्गज नेता ने भाजपा को उनकी प्रचंड जीत के लिए बधाई भी दी. कमलनाथ ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि वे उन लोगों की जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे जिन्होंने उन्हें यह जनादेश दिया है.
एमपी में बीजेपी ने जीतीं 163 सीटें
बता दें कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश में बंपर जीत हासिल की है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने सूबे की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 66 सीटों पर ही सिमट गई. राज्य में 17 नवंबर को चुनाव हुए थे, जबकि परिणामों का ऐलान 3 दिसंबर को किया गया था.