वाशिंगटन
भारतीय-अमेरिकी राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाल समेत तीन प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने ग्रीन कार्ड संबंधी आवेदनों के निपटारे की प्रक्रिया में तेजी लाने और रोजगार आधारित वीजा के लिए ''देशों के साथ भेदभाव'' को समाप्त करने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में द्विदलीय विधेयक पेश किया है।
यदि यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाता है तो इससे उन हजारों भारतीय-अमेरिकियों को मदद मिलेगी जो ग्रीन कार्ड या अमेरिका में स्थायी निवास के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं। कृष्णमूर्ति और जयपाल के साथ सांसद रिच मैक्कॉर्मिक ने सोमवार को यह विधेयक पेश किया।
एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि द्विदलीय आव्रजन वीजा दक्षता एवं सुरक्षा अधिनियम 2023 'एचआर 6542' अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और ग्रीन कार्ड के लंबित आवेदनों की संख्या को कम करते हुए देश में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। इससे अमेरिकी नियोक्ता जन्मस्थान के आधार पर नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर प्रवासियों को रोजगार दे सकेंगे।
इसमें बताया गया है कि यह विधेयक रोजगार-आधारित प्रवासी वीजा पर प्रति-देश सात प्रतिशत की मौजूदा सीमा को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करेगा जबकि परिवार-प्रायोजित वीजा पर प्रति-देश सात प्रतिशत की सीमा को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करेगा।
भारत का लक्ष्य दुनिया को साथ लेकर चलना है। साथ ही अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है। भारतीय मिशन के अधिकारियों ने भारत के दृष्टिकोण को संयुक्त राष्ट्र में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष रखा। यह जानकारी आज सुबह भारतीय समयानुसार संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने 'एक्स' पर संक्षिप्त विवरण के साथ दी। मिशन ने लिखा है- 'भारत ने फरवरी 2024 में सामाजिक विकास के लिए 62वें संयुक्त राष्ट्र आयोग की तैयारी में दुनिया भर के सदस्यों के लिए आयोजित ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। सबके साथ मिलकर भारत का लक्ष्य अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है।'