Home छत्तीसगढ़ हफ्ते भर के लिए बढ़ सकता है लॉकडाउन, मिलेगी कुछ रियायतें

हफ्ते भर के लिए बढ़ सकता है लॉकडाउन, मिलेगी कुछ रियायतें

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में लागू लॉकडाउन हफ्तेभर और बढ़ सकता है। इसके साथ ही कारोबार को पटरी पर लाने रियायतों के साथ 70 फीसदी पाबंदियों से छूट मिल सकती है। कपड़ा दुकानों, शादी-ब्याह और जरूरी सामान की दुकानों को शर्तों के साथ खोलने की छूट मिल सकती है। इसे लेकर पुलिस-प्रशासन होमवर्क कर रहा है। 14 मई के बाद लॉकडाउन बढ़ाने और कारोबार को छूट देने पर फैसला हो सकता है। दरअसल राजधानी में कोरोना की स्थिति बेकाबू होने के बाद टोटल दुकानें बंद कर दी गई थीं। राशन-किराना से सब्जी दुकान तक बंद थीं, लेकिन संक्रमण कम होने पर कुछ रियायतें मिलीं। अब आगे भी कई दुकानों को कारोबार की छूट मिलने की संभावना है। इसलिए छूट की उम्मीद जानकारी के मुताबिक वर्तमान में रायपुर जिलेभर में रोज औसतन करीब 500 कोरोना पॉजिटिव केस आ रहे हैं, जबकि 15 दिन पहले यह संख्या 3000 हजार से अधिक थी। बीते हफ्तेभर से रोज पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। इससे संभावना बन रही है कि जरूरी और शादी-ब्याह के सामान से जुड़ी दुकानों को शर्तों के साथ खोलने की छूट मिल सकती है।

रायपुर 32 दिनों से शहर लॉक :राजधानी में कोरोना महामारी रोकने कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन ने 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक पहली बार लॉकडाउन किया था, लेकिन संक्रमण की अवधि को बढ़ाकर 25 अप्रैल और फिर 6 मई की सुबह 6 बजे तक, फिर 17 मई सुबह 6 बजे तक किया गया है। अब लॉकडाउन को हफ्तेभर और बढ़ाया जा सकता है।

इन कारोबारों को मिल सकती है छूट : जानकारी के मुताबिक शादी के सीजन में कपड़ा, जूता-चप्पल समेत अन्य जरूरी सामान खरीदने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं मेनरोड की किराना दुकानों को खोलने की छूट नहीं मिलने से पब्लिक को अनाज से किराना तक का सामान मिलने में परेशानी हो रही है। यही नहीं, बाल कटिंग कराने भी पब्लिक को परेशानी हो रही है। इन सभी बिंदुओं पर शासन-प्रशासन स्तर पर होमवर्क चल रहा है। उम्मीद है कि इन्हें शर्तों के साथ 17 मई से छूट मिल सकती है।

मुख्यमंत्री से गुहार-शिफ्ट के अनुसार सारे व्यापार खोलने की दें अनुमति

कोरोना संक्रमण के चलते हुए लाकडाउन के कारण इन दिनों व्यापार-उद्योग जगत प्रभावित हो गया है। ऐसे में कारोबारियों का कहना है कि अब लाकडाउन से राहत मिलना जरूरी है और सभी व्यापार खोले जाने चाहिए। रायपुर सराफा एसोसिएशन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। कारोबारियों का कहना है कि लाकडाउन के बाद सारे व्यापार खोले जाए और सभी व्यापार को दो शिफ्ट में बांटा जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लाकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से सुस्त हो गई है। छोटे व मध्यमवर्गीय व्यापारियों की आर्थिक स्थिति और खराब होते जा रही है।पत्र में मांग की गई है कि लाकडाउन के बाद सभी व्यापार खोलने की अनुमति दी जाए। भले ही सारे व्यापार दो शिफ्ट के अनुसार खोले जाएं। आवश्यक जीवन उपयोगी वस्तुओं के लिए सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक का समय दिया जाए और बाकी कारोबार के लिए दोपहर 12 से शाम छह बजे तक का समय दिया जाए। साथ ही यह ध्यान रखा जाए कि कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन हो। व्यापारी पूरी तरह से कोरोना नियमों का पालन करते हुए व्यापार करेंगे।

इस लॉकडाउन ने छीन ली सराफा की चमक

बीते साल की तरह इस साल भी लाकडाउन ने सराफा की चमक पूरी तरह छीन ली है। शादी सीजन होने के बाद भी कारोबारी पूरी तरह से धड़ाम हो गया है। अब तो आने वाले तीन-चार महीनों के बाद ही कारोबार की रफ्तार थोड़ी जोर पकड़ेगी।

चेंबर-कैट बन गए जुड़वा भाई, फायदा पहुंचाने जुगाड़ नीति अपनाई

चेंबर जीतने के बाद सारा जग जीतने की जुनून में दोहरे संगठन से जुड़े व्यवसायियों को फायदा पहुंंचाने एड़ी चोटी एक करने वाले अध्यक्ष के एकपक्षीय प्रयास को लेकर व्यापार जगत में आक्रोश बढ़ते जा रहा है। दूसरे व्यापार से जुड़े छोटे-बड़े व्यापारियों में नाराजगी साफ दिखाई देने लगी है । नाराज व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि चेंबर अध्यक्ष चुनाव जीतने के बाद अपने समर्थकों के व्यवसाय को ऐनकेन प्रकारेण शुरू करवाने के लिए सीएम और मंत्रियों के साथ अधिकारियों के दरबार में हाजिरी लगाते रहे है। जबकि कपड़ा, सराफा, किराना वालों की दुकान खुलवाने के लिए चेंबर अध्यक्ष ने कोई इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। सराफा, कपड़ा, किराना वालों को खुद अपने व्यवसाय में राहत की मांग को लेकर सीएम से गुहार लगानी पड़ी। वहीं बड़ी नामी गिरामी कंपनियों के मालिकों को खुश करने के लिए लॉकडाउन में जो रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक लोडिंग अनलोडिंग के कलेक्टर ने आदेश दिए थे, उसे अपने स्तर पर कूटरचना कर सुबह 10 से 5 बजे तक खुलवा कर आदेश की कापी उनके मैनेजरों को थमा दिया, जिसमें ऐसा कहा जाता है कि उनके लिए अलग से समय निर्धारित किया गया है, लेकिन आदेश की कापी को पढऩे नहीं दिया गया। इस तरह के हथकंड़े अपना कर चुनाव में फायदा पहुंचाने वालों जुगाड़ की सौगत दी