इस्लामाबाद:
प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत हो गई है। भारत विरोधी अभियानों के लिए कई सालों तक पाकिस्तान के लिए अहम शख्स रहा खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे 72 साल का था। दिल का दौरा पड़ने की वजह से उसकी मौत होने की बात सामने आई है। भारत सरकार ने लखबीर सिंह रोडे को उसकी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए यूएपीए के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था। रोडे जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था और कई सालों से पाकिस्तान में रह रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखबीर सिंह के भाई और अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने पाकिस्तान में उसकी मौत की पुष्टि की है। जसबीर सिंह ने बताया है सोमवार को पाकिस्तान में उनके भाई का अंतिम संस्कार किया गया है। रोडे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में शांति भंग करने की कोशिश करता रहता था। पंजाब में टिफिन बम मॉड्यूल के जरिए उसने धमाकों की साजिश रची थी। रोडे 2021 के लुधियाना कोर्ट विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता था। रोडे के भतीजे और पूर्व अकाल तख्त जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे के बेटे को भी आरडीएक्स और टिफिन बम की बरामदगी के मामले में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था
हाल ही में जब्त की गई थी जमीन
मोहाली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पंजाब के मोगा जिले में रोडे की जमीन को जब्त करने का आदेश दिया था। यह जमीन मोगा जिले की बाघापुराना तहसील के स्मालसर के पास कोठे गुरुपुरा गांव में है। अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 33(5) के तहत भूमि को जब्त करने का आदेश दिया, जिसके तहत एक न्यायाधीश गंभीर अपराधों में शामिल घोषित अपराधी की संपत्ति को जब्त कर सकता है। टिफिन बम विस्फोट से जुड़े मामले में जलालाबाद पुलिस स्टेशन में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत 16 सितंबर, 2021 को एफआईआर दर्ज की थी।
लखबीर सिंह रोडे मूल रूप से पंजाब के मोगा जिले के गांव रोडे का रहने वाला था। उसके नाम के साथ भी रोडे गांव की वजह से ही जुड़ा था। रोडे जरनैल सिंह भिंडरावाला का भतीजा था। भिंडरावाला 70 और 80 के दशक में खालिस्तान की मांग को लेकर हिंसा करने वाले बड़े चेहरों में से एक रहा है। रोडे का भी कई आतंकी गतिविधियों में नाम आया था। जिसके बाद रोडे भारत से दुबई भाग गया था और वहां पाकिस्तान में अपना ठिकाना बनाया था