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अमित शाह के फार्मूले & माइक्रो मैनेजमेंट को जमीन पर उतारने का फल बना जीत

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भाजपा इस चुनाव में बड़ी जीत का ही टारगेट शुरू से लेकर चली थी, यह टारगेट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने फॉर्मूले के जरिए प्रदेश भाजपा के संगठन को दिया था। जिस पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में माइक्रो मैनेजमेंट कर इसे अमल में लाया गया। शाह के 15 बिंदुओं के फॉर्मूले को सिलसिलेवार जमीन पर उतारा जाना था।  संगठन के नेताओं ने इस पर गंभीरता से जुट कर न सिर्फ काम किया बल्कि इसे अमल में ला दिया।  नतीजे में भाजपा ने मेरा बूथ सबसे मजबूत अभियान कोअधिकांश बूथ पर सफलता दिलाई और वोट शेयर में उसकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत को लगभग टच कर गई। अमित शाह ने जब एमपी का रूख किया तो उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को बूथ प्रबंधन के लिए 15 बिंदुओं का टारगेट दिया। इसमें सबसे कठिन टास्क था हर बूथ पर 50 प्रतिशत वोट भाजपा के हिस्से में लाने का। लेकिन हकीकत में यह एक ऐसा टारगेट था, जिसे पूरा करने पर भाजपा की जो जीत सामने आई है, वही परिणाम आते।

अमित शाह के इन रास्तों से पहुंचे टारगेट तक

बूथ विस्तारक अभियान: 2 को मार्च महीने में  प्रदेश भर में चलाया गया। शक्ति केंद्र टोली, शक्ति केंद्र प्रभारी,संयोजक, सोशल मीडिया प्रभारियों का गठन किया गया। इसके साथ ही पन्ना प्रमुख भी बनाए गए। इस अभियान में 10 हजार 916 शक्ति केंद्रों पर पार्टी की टोली बनाई गई थी और पन्ना प्रमुख नियुक्त किए गए।
बूथ विजय संकल्प अभियान- 4 से 14 मई तक इस अभियान के तहत दो शक्ति केंद्रों के कार्यकर्ताओं का एक साथ मिलना, खेलना, साथ में खाना खाने के साथ ही भाजपा की जीत का उद्देश्य पर चर्चा करना।

मेरा बूथ सबसे मजबूत- हर मंडल पर यह अभियान चलाया गया। इसमें प्रदेश के बाहर से आए विस्तारक भी शामिल हुए। इन सभी ने हर बूथ पर जाकर पार्टी के कार्यक्रम करवाए और उसमें हिस्सेदारी की।
विधानसभा सम्मेलन- 20 से 31 जुलाई तक शक्ति केंद्र और बूथ समितियों के कार्यकर्ता एक साथ विधानसभा सम्मेलनों में शामिल हुए। इस कार्यक्रम से कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार हुआ और भाजपा के पक्ष में काम करने की हिस्सेदारी कार्यकर्ताओं की बढ़ गई। इस सम्मेलन के बाद शक्ति केंद्र कार्यशाला और बूथ समिति सम्मेलन आयोजित हुए।

आक्रमकता के लिए आशीष अग्रवाल की रणनीति भी कारगर

सरकार में रहते हुए विपक्ष पर कैसे हमला करना है, इसकी जिम्मेदारी प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल के जिम्मे थी। अग्रवाल ने इसे एक चुनौती की तरह लिया और उन्होंने इस पर वे खरे भी साबित हुए। उन्होंने कांग्रेस पर हमले करने की रणनीति बनाई। जिसके तहत उन्होंने न सिर्फ कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने का तय किया, बल्कि कांग्रेस पर हमलावर होते हुए उस पर ताकत और प्रमाणों के साथ पलटवार भी किया। प्रदेश भाजपा मीडिया सेंटर जहां हर संभाग में बनाए गए। इसी शुरूआत भोपाल में 24 सितंबर को हुई। पूरे चुनाव में इन सेंटर के जरिए 42 बड़ी पत्रकार वार्ता हुई। हर दिन किस बड़े नेता की पत्रकार वार्ता यहां से लगातार होती रही। मीडिया सेंटर ने पूरे चुनाव में 710 प्रेस विज्ञप्ति जारी की। जिसमें नेताओं की सभाओं और उनके बयान भी शामिल रहे।