जकार्ता
सुमात्रा द्वीप पर स्थित इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी के फटने से 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई और कुछ अन्य लापता हैं। एक बचाव अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। खोज और बचाव के प्रमुख एजेंसी अब्दुल मलिक ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि बचाव के दौरान "पहले चरण में, 49 पर्वतारोही पाए गए। वे सभी बच गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, और कुछ घर लौट आए। दूसरे चरण में, हमें 14 लोग मिले, तीन बच गए और 11 अन्य की मौत हो गई।" विस्फोट के बीच पर्वतारोही पहाड़ की तलहटी की ओर जा रहे थे। अधिकारियों ने 75 पर्वतारोहियों की खोज के लिए लगभग 100 लोगों को तैनात किया है।
माउंट मेरापी, जो समुद्र तल से 2,891 मीटर की ऊंचाई पर है, रविवार को फट गया, इससे 3,000 मीटर की राख का गुबार निकला। इससे राख और चट्टानें आसपास के क्षेत्र में फैल गईं। अधिकारियों ने मुख्य क्रेटर के 3 किलोमीटर के दायरे में लोगों को खतरे वाले क्षेत्र में जाने से रोक दिया है। गौरतलब है कि मध्य जावा और योग्यकार्ता प्रांतों की सीमा पर स्थित, माउंट मेरापी में 1548 से नियमित रूप से विस्फोट होता रहा है। 2010 में एक बड़े विस्फोट में 353 लोग मारे गए और 20,000 से अधिक निवासी विस्थापित हुए। 2010 के बाद से, मेरापी ने कई छोटे विस्फोट हुए। इनमें से सबसे उल्लेखनीय दो फाइटिक विस्फोट हैं, जो नवंबर 2013 और मई 2018 में हुए थे। इसी साल जुलाई में मेरापी में महज 24 घंटे के अंदर 16 बार विस्फोट हुआ था।
एहतियातन नजदीकी गांव खाली कराए गए
पेदांग सर्च एंड रेस्क्यू एजेंसी के प्रमुख अब्दुल मलिक ने बताया कि उन्हें तीन लोग जिंदा मिले हैं और 11 शव बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को घटना वाले दिन कुल 75 पर्वतारोही माउंट मेरापी पर थे। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सफेद और स्लेटी रंग की राख फैल गई है। इसके चलते पर्वतारोही लापता है और आसपास के गांव ज्वालामुखी की राख से ढक गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पर्वत पर चढ़ाई के दो रास्ते ज्वालामुखी विस्फोट वाली जगह के नजदीक हैं, जिन्हें अब बंद कर दिया गया है। साथ ही ज्वालामुखी के मुहाने से 3 किलोमीटर दूर तक ढलान पर मौजूद गांवों को एहतियातन खाली करा लिया गया है। विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से लावा निकलने की आशंका है।
कई पर्वतारोही अभी भी लापता, तलाश जारी
अभी भी कई पर्वतारोही माउंट मेरापी पर लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद 3000 मीटर दूर तक ज्वालामुखी की राख फैल गई है। प्रशासन ने लोगों से एहतियातन चश्में पहनने की सलाह दी है ताकि ज्वालामुखी की राख से उनकी आंखों की सुरक्षा हो सके। बता दें कि माउंट मेरापी ज्वालामुखी जनवरी से ही सक्रिय है। हालांकि अभी तक इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इंडोनेशिया में कुल 120 सक्रिय ज्वालामुखी हैं।