रायपुर/ छत्तीसगढ़ प्रेस क्लब ने प्रदेश के तमाम पत्रकारों को कोरोना फ़्रंटलाइन वारियर्स का दर्जा दिए जाने की मांग कुछ दिनों ही पहले की थी। छत्तीसगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष संदीप तिवारी “राज” ने बताया कि विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना के दस्तक ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। पत्रकारों द्वारा इस संकटकाल में भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन अच्छे तरीके से किया जा रहा हैं। इस बीच पत्रकार साथी फ्रंट फुट पर आकर कोरोना संक्रमण से बचाव तथा रोकथाम के लिए अपने अखबारों और टीवी चैनलों वेब पोर्टल के माध्यम से प्रचार प्रसार में जुटे हैं, और लगातार काम कर भी रहे हैं। मगर इस वैश्विक महामारी के बीच उन्हें भी कोविड-19 का खतरा बना रहता है बावजूद इसके अब तक पत्रकारों को फ्रंटलाइन वारियर्स नहीं माना गया है। जो की अनेक राज्यों में हो चुका है। अगर पत्रकारों को फ्रंटलाइन वारियर्स का दर्जा मिल जाए तो उन्हें भी कोरोना का टीकाकरण प्राप्त हो सकता है, उक्त मांग के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पत्रकारों को फ्रंट लाईन वर्कर मानते हुए टीकाकरण में प्राथमिकता देने की बात कही गई। कई अन्य राज्यों में पत्रकारों वकीलों को फ्रंट लाईन वर्कर मानते हुए उनका टीकाकरण किया जा रहा है उसी प्रकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के पत्रकारों और उनके परिजनों को भी फ्रंट लाईन वर्कर के समान टीकाकरण में प्राथमिकता देने की घोषणा की है। जिस पर छत्तीसगढ़ प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष संदीप तिवारी ‘राज’ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया और कहा कि हर जिले के कोविड-19 अस्पतालों में कोरोना पीड़ित पत्रकारों के लिए कम से कम 50 बेड आरक्षित रखा जाए ताकि पीड़ित होने पर उनका और उनके परिजनों का बेहतर ढंग से उपचार हो सके, साथ ही मृत पत्रकारों के परिजनों को शासन स्तर पर 50 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष संदीप तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुआवजे के संबंध में जल्द ही और चर्चा की जाएगी।
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