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झारखंड: रामगढ़ के स्कूलों में पुलिस ने नैतिक व्यवहार, पॉक्सो अधिनियम, साइबर सुरक्षा पर कक्षाएं आयोजित कीं

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रामगढ़
 रामगढ़ जिला पुलिस ने स्कूली छात्र-छात्राओं को नैतिक व्यवहार, साइबर सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, पॉक्सो अधिनियम और अन्य मुद्दों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) पीयूष पांडे ने बताया कि जिला पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों के प्रभारियों को छात्रों को सड़क सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और बेहतर व्यवहार के बारे में सिखाने और प्रेरित करने के लिए स्कूलों में एक विशेष कक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है।

एसपी ने कहा कि वे स्कूली छात्र-छात्राओं को देश का अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, क्योंकि आज के छात्र ही देश का भविष्य हैं।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कुछ दिन पहले ही रामगढ़ जिले के सांडी में आर बी प्लस टू हाई स्कूल के छात्रों पर छेड़छाड़ को लेकर छात्रों के एक समूह ने हमला कर दिया था, जिसमें छात्राओं सहित कम से कम 12 विद्यार्थी घायल हो गए थे। मामले में पुलिस ने 10 छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

निर्देश के बाद रजरप्पा थाना प्रभारी हरि नंदन सिंह आर बी हाई स्कूल पहुंचे और करीब 50 मिनट तक उनकी कक्षा ली। सिंह ने छात्रों से कहा कि अच्छा व्यवहार, सहानुभूतिपूर्ण रवैया और सहयोगी होना उन्हें जीवन में सफल बना सकता है, क्योंकि उनके माता-पिता को उनसे बहुत उम्मीदें हैं।

आर बी प्लस टू हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार मिश्र ने पुलिस की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, ''यह छात्रों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है। वे विभिन्न कानूनों और प्रावधानों के बारे में जानेंगे, जो उन्हें किसी भी परेशानी में पड़ने से रोक सकते हैं।''

सेवई उत्तरी पंचायत के मुखिया कुलदीप सिंह ने पुलिस की पहल पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इस तरह की पहल समय की मांग है। उन्होंने कहा, ''इस कदम से छात्रों को सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।''

प्रति स्कूल 2 शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) के सहायक निदेशक सह नोडल कार्यक्रम अधिकारी के सहायक निदेशक बांके बिहारी सिंह ने बताया कि भारत सरकार की ओर से भेजे गए दिशा-निर्देश पर इसकी पढ़ाई की कार्य योजना बनाई है। इसका उद्देश्य छात्रों को बाल विवाह, बाल यौन शोषण, यौन अपराध, बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों की सुरक्षा, पुनर्वास, बाल अधिकार, दुर्व्यवहार और मानव तस्करी समेत अपराधों के खिलाफ अधिकारों से अवगत कराना है। उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट के साथ लगभग 16 अतिरिक्त विषयों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके लिए पहले प्राचार्यों और प्रति स्कूल दो शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि बच्चों के जानकारी देने के साथ ही अभिभावकों को भी स्कूलों में होने वाले शिक्षक-अभिभावक बैठक में इससे अवगत कराया जाएगा।

शिकायत पेटी में बता सकेंगे समस्या 
सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के राज्य प्रमुख ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से शिकायत पेटी लगवाई गई है। इस शिकायत पेटी में बच्चे अपनी समस्या बिना पहचान लिखकर डाल सकते हैं। इस बारे में भी कक्षा में बच्चों को बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई मामले दर्ज नहीं होते, ऐसे में शिक्षा देने के साथ-साथ बच्चों को शिकायत करने की प्रक्रिया भी बताई जाएगी। इसमें सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज (सी-थ्री) विभाग को तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है।

पोक्सो एक्ट भारत सरकार द्वारा बनाया गया अधिनियम है
पोक्सो एक्ट भारत सरकार द्वारा बनाया गया अधिनियम है, जिसके अंतर्गत बच्चों के प्रति होने वाले यौन-शोषण पर प्रभावी अंकुश लगाने और बच्चों को यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी के विरुद्ध संरक्षण हेतु प्रभावी प्रावधान किए गए हैं। पोक्सो अधिनियम को भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 में अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम के अंतर्गत बाल यौन-शोषण का वर्गीकरण और आरोपितों को सजा हेतु कड़े प्रावधान किए गए हैं।

झारखंड में पोक्सो एक्ट के मामले

● 9615 पंजीकृत मामले 30 सितंबर 2022 तक दर्ज हैं

● 4782 लंबित मामले लंबित हैं कुल दर्ज मामलों में से

● 4101 मामलों को सितंबर 2022 तक सुलझा लिया गया

● 732 मामलों में सजा हुई

(आंकड़े शिक्षा विभाग से प्राप्त)

जेसीईआरटी के सहायक निदेशक बांके बिहारी सिंह ने बताया कि भारत सरकार की ओर से भेजे गए दिशा-निर्देश पर स्कूलों में पोक्सो एक्ट की पढ़ाई की कार्य योजना बनाई है। इसका उद्देश्य बाल विवाह, बाल यौन शोषण, यौन अपराध, बाल अधिकार, मानव तस्करी समेत अपराधों के खिलाफ अधिकारों से अवगत कराना है।