नईदिल्ली
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को बड़ा झटका लगा है। 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 8वें वेतन आयोग को लागू करने की चल रही अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। केन्द्र सरकार की तरफ से साफ कहा गया है कि फिलहाल आठवें वेतन आयोग को लागू करने की कोई मंशा नहीं है।
8वें वेतन आयोग पर विचार नहीं, नई पेंशन स्कीम का रिव्यू
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (Finance Secretary TV Somanathan) ने कहा कि फिलहाल इस तरह के किसी भी प्लान पर कोई विचार नहीं चल रहा है। आठवें वेतन आयोग की कोई प्लानिंग नहीं है और अभी लंबित भी नहीं है।हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि सरकार नई पेंशन स्कीम को रिव्यू कर रही है।हमने सभी पक्ष से सलाह-मशविरा कर लिया है और जल्दी इस मसले पर अपनी रिपोर्ट सबमिट कर देंगे। सोमनाथ के इस जवाब से कयास लगाए ज रहे है कि आगामी चुनाव में डीए बढ़ाने के साथ मोदी सरकार नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के बीच कोई की कोई ऐसी योजना ला सकती है, जिसके जरिये सरकारी कर्मचारियों के रिटायर होने पर एक बड़ी पेंशन राशि मिल सके, हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।बता दे कि केंद्र सरकार ने पेंशन स्कीम की समीक्षा के लिए वित्त सचिव की अगुवाई में कमेटी गठित की थी।
पहले भी सरकार दे चुकी है इस तरह का जवाब
- गौरतलब है कि बीते साल भी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल पर लिखित में जवाब देते हुए कहा था कि 8वें वेतन पर सरकार अभी कोई विचार नहीं कर रही है। 8वें वेतन आयोग के गठन का सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है। फिलहाल सातवां वेतन आयोग जारी रहेगा और इसके तहत ही कर्मचारियों को वेतन-पेंशन सहित महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते दिए जाएंगे। उनसे पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार के सामने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रस्ताव है जिससे उसकी सिफारिशों को एक जनवरी 2026 से लागू किया जा सके।
- इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की तरफ से इसी तरह का बयान सामने आया है यानि फिलहाल 8वां वेतन आयोग लागू नहीं होगा। खास बात तो ये है कि 8वें वेतन आयोग की चर्चा ऐसे समय पर हो रही है जब हाल ही में लेबर मिनिस्ट्री की तरफ से अक्टूबर के AICPI इंडेक्स के आंकड़े जारी किए गए हैं, सितंबर के मुकाबले अक्टूबर के आंकड़े 0.9 अंक की वृद्धि हुई हैं और 138.4 पर पहुंच गया है, ऐसे में जनवरी 2024 में एक बार फिर करीब 4 से 5% तक डीए बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है, ऐसे में नए साल में डीए बढ़कर 50 या 51 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसके चलते नए वेतन आयोग या सैलरी के नए फॉर्मूले पर विचार की चर्चाएं तेज हो चली है।
इसलिए हो रही है 8वें वेतन आयोग की चर्चा
- दरअसल, केन्द्र सरकार द्वारा साल में दो बार जनवरी और जुलाई में केन्द्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों के DA/DR की दरों में संशोधन किया जाता है, जो की AICPI इंडेक्स के छमाही के आंकड़ों पर निर्भर करता है। 2023 के लिए नई दरों का ऐलान कर दिया गया है और अब अगला डीए साल 2024 में रिवाइज किया जाएगा, जो जुलाई से दिसंबर 2023 के AICPI इंडेक्स के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।
- अक्टूबर तक आए AICPI इंडेक्स के आंकड़ों से अनुमान लगाया जा रहा है कि नए साल में डीए में 4 से 5 फीसदी की वृद्धि हो सकती है और डीए 50% या इससे पार हो सकता है। अगर डीए 50% पहुंचता है तो कर्मियों की सैलरी रिवाइज होगी क्योंकि केन्द्र सरकार ने 7TH Pay Commission का गठन के साथ ही DA के रिविजन के नियमों को तय किया था कि डीए 50% होने पर शून्य हो जाएगा, 50% डीए को मौजूदा बेसिक सैलरी में जोड़कर दिया जाएगा और डीए की गणना शून्य से शुरू होगी ।यही कारण है कि लोकसभा चुनाव से पहले फिर 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।7वां वेतन आयोग 2013 में गठित हुआ था, जबकि इसकी सिफ़ारिशें 2016 में लागू हुई थी। वही अबतक हर 10 सालों में नए वेतन आयोग का गठन होता आया है