इंदौर
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने प्रशासनिक न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी को पत्र लिखकर हाई कोर्ट डिस्पेंसरी में एक एम्बुलेंस तैनात करने की मांग की है। पत्र में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा है कि कार्यदिवस के दिन हाई कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में वकील और न्यायालयीन स्टाफ मौजूद रहता है। कई बार अचानक तबीयत बिगड़ने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ता है लेकिन एम्बुलेंस नहीं होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रीतेश इनानी ने बताया कि हाल ही में एक वकील साहब की न्यायालय परिसर में ही तबीयत खराब हो गई थी। वे अचानक बेहोश हो गए। साथी वकील उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने के उद्देश्य से लिफ्ट तक ले गए लेकिन लिफ्ट काम ही नहीं कर रही ही। मजबूरी में बीमार वकील को चढ़ाव से नीचे ले जाना पड़ा। प्रशासनिक न्यायमूर्ति को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने कहा है कि इसके पहले भी कई बार ऐसी स्थिति निर्मित हो चुकी है।
हाई कोर्ट परिसर में एक डिस्पेंसरी तो संचालित होती है लेकिन उसके स्टाफ को ऐसी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दिए जाने की आवश्यकता है। वकील ने इस पत्र में मांग की है कि एक एम्बुलेंस को डिस्पेंसरी के साथ स्थाई रूप से हाई कोर्ट में उपलब्ध रखा जाए। इस बारे में जो वकील हर तरह की मदद करने को तैयार हैं।
जिला न्यायालय में भी बिगड़ जाते हैं हालात
हाई कोर्ट की तरह जिला न्यायालय परिसर में भी वर्षों से एम्बुलेंस तैयार करने की मांग उठ रही है। जिला न्यायालय परिसर में तो वाहनों की अस्त-व्यस्त पार्किंग की वजह से एम्बुलेंस के भीतर जाने तक की जगह नहीं रहती है। कई बार आपातकालीन परिस्थिति में मरीज को किसी तरह बाहर लाकर कार और अन्य वाहनों से अस्पताल पहुंचाना पड़ता है।