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मप्र: टाइगरों की संख्या बढ़ी, चार शावकों का जन्म

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दमोह
 भारत के सबसे बड़े रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में टाइगरों की संख्या बढ़ गई है। यहां बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया है। यहां टाइगरों की संख्या 16 थी, नये शावकों के आने के बाद के बाद यह संख्या 20 हो गयी।

रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के डीएफओ एए अंसारी ने बताया कि बाघिन एन-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है। सभी शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। हाल ही में दमोह का एक बड़ा भाग टाइगर रिजर्व में सम्मिलित किया गया है। पूर्व में इसका नाम नौरादेही अभ्यारण्य था, अब इसका नाम रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व कर दिया गया है। इसका क्षेत्रफल 23 सौ वर्ग किलोमीटर है। दमोह, नरसिंहपुर एवं सागर जिले का क्षेत्र इसमें सम्मिलित है।

टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने की पुष्टि: नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ए ए अंसारी से मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन राधा की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया हैं. ऐसी संभावना है कि बाघिन ने करीब डेढ़ महीने पहले इन शावकों को जन्म दिया है. गौरतलब है कि नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में 2011 तक बाघ थे, लेकिन फिर विलुप्त हो गए थे. ऐसे में 2018 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत नौरादेही बाघिन राधा और बाघ किशन को बसाया गया था.

नौरादेही के माहौल में रच बस जाने के बाद बाघ किशन से बाघिन राधा ने पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था. जिनमें दो मादा और एक नर था. अब राधा और किशन की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. टाइगर रिजर्व ने शावकों के जन्म की पुष्टि की है, लेकिन अब तक इनकी तस्वीरों और लोकेशन जारी नहीं की है, लेकिन जन्म की पुष्टि और सुरक्षित और स्वस्थ होने की जानकारी दी है.

हाल ही में बना है प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अभ्यारण्य नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण्य, जो सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले तक फैला है. नौरादेही अभयारण्य और दमोह जिले के रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की स्थापना की गई है. इसकी अधिसूचना 20 सितंबर 2023 को जारी की गई थी. अधिसूचना जारी होते ही नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य की पहचान अब रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के रूप में हो गई है और यहां बाघों की संख्या बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित आवास देने के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराना शुरू हो गया है.