नई दिल्ली
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में NIA सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कई लोगों को ऑनलाइन पहले कट्टरपंथी बनाया गया। इसके बाद उन्हें सेन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट पर हमला करने के लिए विदेश भेजा गया। NIA रेड के जरिए हमलों के पीछे हो रही साजिश, कट्टरपंथ और आपराधिक गतिविधियों की जानकारी जुटा रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि ऐसा माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन कट्टरपंथ से प्रभावित हुआ है। साथ ही कहा जा रहा है कि विदेश भेजे गए इन लोगों के निशाने पर भारतीय मिशन थे। आगे सूत्रों ने बताया है कि एजेंसी ऐसे कम से कम 30 खालिस्तान समर्थकों की पहचान करने के करीब है, जो सेन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट और लंदन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ करने में शामिल रहे थे।
फिलहाल, NIA जानकारी जुटाने के लिए सेन फ्रांसिस्को और ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ काम कर रही है। जांच एजेंसी खालिस्तानियों को मिलने वाले फंड के स्त्रोतों की भी जांच कर रही है। इससे पहले NIA की तरफ से तोड़फोड़ के 10 वांछित आरोपियों के फोटो भी जारी किए गए थे। एजेंसी ने आम जनता से इन लोगों की जानकारी देने के लिए भी कहा था।
दोनों घटनाएं
मार्च में पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की तलाश के लिए अभियान चलाया था। उस दौरान सेन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट पर हमले हुए। तब प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की और परिसर में दो खालिस्तानी बैनर लगा दिए। इसके अलावा दरवाजों और खिड़कियों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद 2 जुलाई को खालिस्तानियों ने भारतीय मिशन के भवन में आग लगा दी थी।