इंदौर
शहर में यातायात सुधार के लिए रेड लाइट जंप करने वालों के लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई की जा रही है। अप्रैल से नवंबर तक आठ माह में 2750 लाइसेंस निलंबित किए गए। ये लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित किए गए। यदि दोबारा वाहन चालक द्वारा रेड लाइन का उल्लंघन किया जाता है तो इनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। शहर में शराब पीकर, मोबाइल पर बात करते हुए या तेज गति से वाहन चलाने वाले चालकों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर इलैया राजा टी के निर्देश पर हो रही कार्रवाई में वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी की जा रही है। चौराहों पर अभियान चलाया गया और इनकी पहचान कर लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट पर लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई। यदि दोबारा रेड लाइट जंप करते है तो उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। ऐसे वाहन चालकों का लाइसेंस भविष्य में कभी भी किसी भी परिवहन कार्यालय से नहीं बन पाएगा। आरटीओ प्रदीप कुमार शर्मा का कहना है कि जिनके लाइसेंस निलंबित किए गए है, उन्हें चेकिंग के दौरान अथवा दुर्घटना की स्थिति में बिना लाइसेंस के माना जाएगा। चालानी कार्रवाई के अलावा उन्हें इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलेगा। लाइसेंस निलंबित अवधि में वे वाहन भी नहीं चला पाएंगे।
दो माह में वसूले 12 लाख
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की टीम द्वारा विगत दो माह में मोटरयान अधिनियम के उल्लंघन में 1050 वाहनों पर कार्रवाई की गई। इसमें करीब 12 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला गया। बकाया रोड टैक्स की वसूली के लिए वाहनों को जब्त किया गया। टैक्स की राशि वसूलने के बाद ही वाहनों को छोड़ा गया। शहर में विभिन्न चौराहों पर भी नियमों के उलंघन को लेकर कार्रवाई की जा रही है।