पंजाब
पंजाब में पानी के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए एडवोकेट ध्रुव चावाल द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक अर्जी लगाई गई है। इस अर्जी में पंजाब में गिरते जल स्तर पर चिंता जताई गई है। पंजाब ग्राउंड वाटर एक्सटेंशन एंड कंजर्वेशन डायरेक्शन 2023 के पानी की सम्भाल के उद्देश्य को प्राप्त करने में विफल साबित हो रहा है। जोकि जल संसाधन के प्रबंधन व रेगुलेशन अधिनियम का उल्लंघन है।
पंजाब में भूजल संसाधनों का लगातरा प्रयोग होने के कारण भविष्य में पानी की और भी कमी हो सकती है जोकि आने वाले 15 वर्षों तक पानी का स्तर 300 मीटर तक और नीचे जा सकता है। इसमें एड. चावला ने यह भी तर्क रखा है कि अथॉरिटी द्वारा जल के बचाव के लिए ऋण प्राणाली तो बनाई गई है, लेकिन छूट की राशि बेहद कम है, जिस कारण यह प्रभावशाली नहीं है।
एड. चावला ने हाईकोर्ट ने यह आग्रह किया है कि या तो पंजाब सरकार के अधिकारियों को पंजाब भूजल निष्कर्षण और संरक्षण निर्देश, 2023 को वापस लेने या उसमें संशोधन करने का निर्देश दें ताकि भूजल की कमी की समस्या से निपटा जा सके।