रुद्रप्रयाग
केदारनाथ धाम के लिए इस वर्ष अभी तक आईटीबीपी मंदिर की सुरक्षा के लिए तैनात नहीं हुई है, गत वर्ष शीतकाल में सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की एक प्लाटून तैनात की गई है। गृह मंत्रालय के आदेश पर आईटीबीपी को मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन इस बार अभी तक आईटीबीपी सुरक्षा के लिए नहीं पहुंची है। रेगुलर पुलिस व पीएसी के जवानों पर ही मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
मंदिर के सुरक्षा इंतजाम के लिए गृह मंत्रालय को भेजा गया था पत्र
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने गत वर्ष केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद मंदिर की सुरक्षा हेतु पुख्ता इंतजाम के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया था। पत्र में कहा गया था कि मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को स्वर्णमंडित किया गया है। ऐसे में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम जरूरी हैं। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने शीतकाल के दौरान आईटीबीपी को मंदिर की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया था। लेकिन इस वर्ष अभी तक आईटीबीपी सुरक्षा व्यवस्था के लिए नहीं पहुंची है। जबकि कपाट बंद हुए दो सप्ताह का समय बीतने वाला है।
वर्तमान में तैनात है पीएसी के 15 जवान
वर्तमान में पीएसी के 15 जवान व चार रेगुलर पुलिस के जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात है। केदारनाथ धाम में गत वर्ष गर्भगृह स्वर्णजणित होने के बाद से मंदिर की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। केन्द्र सरकार ने भी इसका संज्ञान लिया था।शीतकाल में केदारनाथ धाम में माइनस बीस डिग्री तक तापमान पहुंच जाता है, ऐसे में विषम परिस्थितियों में आईटीबीपी को रहने का अच्छा अनुभव है। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने आईटीबीपी को तैनात किया था।
आईटीबीपी के आने की नहीं कोई सूचना
पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि आईटीबीपी को शीतकाल में मंदिर की सुरक्षा हेतु पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक आईटीबीपी के आने की कोई सूचना नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि अभी पुलिस कर्मी ही मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे हैं।