ग्वालियर.
इस बार के चुनाव में समूचे प्रदेश सहित ग्वालियर-चंबल अंचल में मतदान के बढ़े हुए प्रतिशत को लेकर राजनीतिक पार्टियों अपने-अपने पक्ष में परिणाम आने के दावे कर रही हैं। वहीं यह बढ़ा हुआ मतदान इनमें से किसके लिए फीलगुड वाले नतीजे देने वाला साबित होगा, यह तो चुनाव परिणाम ही बता पाएंगे। फिलहाल तो भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज मौजूदा चुनावी गणित के समीकरणों के विश्लेषण में जुट गए हैं।
प्रदेश में सत्ता की वापसी का दावा करने वाली भाजपा के लिए ग्वालियर और चंबल संभाग में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने को लेकर बने दबाव के हालातों के बीच इस बार परिस्थितियां कुछ अनुकूल होती दिख रही हैं। वहीं प्रदेश में बदलाव का दावा कर रही कांग्रेस के लिए भी अंचल में अच्छे प्रदर्शन के संकेत मिल रहे हैं। गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसी अंचल में मिली प्रचंड सफलता ने सूबे की सत्ता की चाबी सौंपी थी।
2018 के चुनाव में ग्वालियर
चंबल की कुल 34 सीटों पर जीत दर्ज कर शानदार प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस के लिए इस बार यहां 18-20 सीटों पर अनुकूल माहौल नजर आ रहा है। वहीं पिछली दफा 7 सीटों पर सिमटी बीजेपी इस बार लगभग डेढ़ दर्जन सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही है। साथ ही बीते चुनाव में 1 सीट हासिल करने वाली बसपा इस बार भी तीन सीटों पर कांटे की टक्कर में है। खास बात ये है कि करीब एक दर्जन सीटों पर हार-जीत का आंकड़ा बहुत कम रहने के आसार हैं। जबकि 2018 के चुनाव में ग्वालियर और चंबल संभाग की 34 सीटों पर घमासान के चलते 26 सीटों पर कांग्रेस, तो 7 सीटों पर भाजपा और एक सीट पर बसपा ने जीत दर्ज की थी।
जिलेवार 2018 की स्थिति
- मुरैना में छह सीटों पर कांग्रेस जीती
- शिवपुरी में तीन पर कांग्रेस और दो पर भाजपा जीती
- दतिया में एक सीट पर भाजपा और दो पर कांग्रेस जीती
- ग्वालियर में 5 सीटों पर कांग्रेस, एक पर भाजपा जीती
- श्योपुर में एक पर कांग्रेस और एक सीट पर भाजपा जीती
- भिण्ड में तीन सीट पर कांग्रेस और एक पर भाजपा व एक सीट पर बसपा जीती।
- अशोकनगर की तीन सीटों पर कांग्रेस जीती
- गुना की तीन सीट पर कांग्रेस एक सीट पर भाजपा जीती।
चुनाव पर इनका दिखा असर
- 2023 में- लाडली बहना, एंटी इन्कंम्बेंसी, गुर्जर आंदोलन
- 2018 में- एंटी इन्कंम्बेंसी, एट्रोसिटी एक्ट से उपजी नाराजगी
अंचल में 2018 के परिणाम
- कांग्रेस- 26 सीटें पर मिली जीत
- भाजपा- 7 सीटों पर सिमटी गई
- बसपा- 1 सीट पर ‘भिण्ड’ जीती