नईदिल्ली
भारत जहां एक तरफ चांद के सतह का सैंपल जुटाने के लिए एक बेहद खास मिशन पर काम कर रहा है, तो वहीं चीन ने इस काम के लिए अपना मिशन लगभग तैयार कर लिया है. चीन चांग (Chang) सीरीज के कई मून मिशनों पर काम कर रहा है. इन्हीं में एक Chang’e-6 मिशन अगले साल के लिए तैयार किया जा रहा है. चीनी नेशनल स्पेस एडमिनिसिट्रेशन ने पिछले हफ्ते ही ऐलान किया है कि मिशन को अगले साल के शुरुआती महीनों में लॉन्च किया जाएगा.
दक्षिणी ध्रुव के ऐटकेन बेसिन पर करेगा लैंड
चीनी स्पेस एजेंसी के मुताबिक, चांग’ई-6 मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव के ऐटकेन बेसिन पर टच-डाउन यानी लैंड करेगा और पूर्व लैंडिंग साइट्स से धूल और पत्थर के सैंपल कलेक्ट करेगा. चांद के एक बड़े हिस्से को धरती से देख पाना मुश्किल है. यह क्षेत्र क्रेटरों से घिरा हुआ है और सूरज से निकले वाली एनर्जी की वजह से इस इलाके में गड्ढे और काले निशान हैं, जिसको लेकर वैज्ञानिक काफी एक्साइटेड हैं.
पाकिस्तान से चीन ने लिया CubeSat सेटेलाइट
चीन के चांग-6 मिशन को चार अंतर्राष्ट्रीय पार्टनर की मदद मिलेगी. इनमें फ्रेंच स्पेस एजेंसी, यूरोपीय स्पेस एजेंसी, इटली की स्पेस एजेंसी और पाकिस्तान स्पेस एजेंसी का सपोर्ट होगा, जिसमें पाकिस्तान से CubeSat सेटेलाइट शामिल होगा. चीन अगर इस मिशन में कामयाब होता है तो इससे उसे 2026 के Chang’e-6 मिशन और इसके दो साल बाद Chang’e-7 मिशन को लॉन्च करने में आसानी होगी. चीन 2007 से पांच रोबोटिक जांच-दल चांद पर भेज चुका है. उसका Chang’e-5 मिशन 2020 में चांद पर लैंड किया था और सतह के पत्थर और मिट्टी के साथ वापस धरती पर लौटा था.
भारत की मून सैंपल-रिटर्न मिशन की तैयारी
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की हालिया सफलता के आधार पर, भारत ता चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र से सैंपल कलेक्ट करके उसे वापस धरती पर लाने का प्लान है. शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक मून सैंपल-रिटर्न मिशन की तैयारी कर रहा है. जिसे चंद्रयान -4 के नाम से जाना जाएगा. अभी इस मिशन के लिए भारत ने कोई शेड्यूल जारी नहीं किया है. हालांकि, अगले पांच-सात सालों में इस मिशन को लॉन्च किया जा सकता है.