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ब्रिटेन की लंबी विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं का असर भारत के चिकित्सकीय उपकरणों के निर्यात पर पड़ता है : जीटीआरई

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ब्रिटेन की लंबी विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं का असर भारत के चिकित्सकीय उपकरणों के निर्यात पर पड़ता है : जीटीआरई

नई दिल्ली
 ब्रिटेन की लंबी नियामक अनुमोदन प्रक्रियाएं उसके बाजार में भारत के चिकित्सकीय उपकरणों के निर्यात को प्रभावित करती हैं। शोध संस्थान जीटीआरआई ने बुधवार को यह बात कही।

जीटीआरई के अनुसार, इन उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देने के वास्ते भारत को ब्रिटेन के बाजार में इन उपकरणों के प्रवेश में तेजी लाने के लिए एक पारस्परिक मान्यता समझौते (एमआरए) पर बातचीत करनी चाहिए। खासकर सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) लाइसेंस या क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया का इंडियन सर्टिफिकेशन ऑफ मेडिकल डिवाइसेज (आईसीएमईडी) प्रमाणन पर।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एमआरए विनियामक अनुपालन और लेखापरीक्षा आवश्यकताओं को कम करेगा संभावित रूप से भारत के निर्यात को बढ़ाएगा।’’ यह सुझाव महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं और यह क्षेत्र उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

शोध संस्थान के अनुसार, ब्रिटेन में चिकित्सकीय उपकरणों पर मौजूदा शून्य आयात शुल्क का एफटीए के तहत भारत के लिए कोई प्रत्यक्ष शुल्क-संबंधी लाभ नहीं है। इसका मतलब है भारत के चिकित्सकीय उपकरण उद्योग को शुल्क रियायतें नहीं मिलती हैं, जबकि ऐसे व्यापार समझौतों में यह एक विशिष्ट लाभ होता है।

जीटीआरआई ने कहा, ‘‘ब्रिटेन में शून्य शुल्क के बावजूद वहां भारत का चिकित्सकीय उपकरण निर्यात देश की लंबी नियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं के कारण सीमित है।’’ उसने कहा कि ब्रिटिश नियम उत्पादों को ‘मेड इन ब्रिटेन’ (ब्रिटेन निर्मित) के रूप में ‘लेबल’ करने की अनुमति देते हैं, भले ही वे वहां केवल विपणन किए गए हों, निर्मित नहीं।

शोध संस्थान ने कहा, ‘‘एफटीए के बाद शुल्क में कटौती तथा उत्पाद-विशिष्ट नियमों में ढील से आयात में वृद्धि का जोखिम उत्पन्न हो सकता है, जो संभावित रूप से भारत के बढ़ते चिकित्सकीय उपकरण क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।’’ उसने कहा कि भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में केवल उन उत्पादों पर शुल्क कटौती पर विचार कर सकता है जहां भारत का निर्यात अधिक है।

चालू वित्त वर्ष में बजटीय घाटा अनुमान को हासिल करने की ओर अग्रसर : वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली
 सरकार ने खपत में हो रही वृद्धि का हवाला देते हुये  कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में बजटीय घाटा अनुमान को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है। वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर महीने के लिये आज जारी मासिक आर्थिक समीक्षा में यह बात कही है।

उसने कहा कि उपभोग में तेजी बनी हुयी है और यह यात्री वाहनों की बिक्री तथा घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि इसका प्रमाण है। उसने कहा कि रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों तथा शेयर बाजार में जारी बने रहने से संपदा के प्रभाव का पता चल रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई के जरिये होने वाले औसत भुगतान छाेटी मात्रा में होने से डिजिटल भुगतान की पहुंच बढ़ने का प्रमाण मिल रहा है जो कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर लोगों के मुड़ने का भी संकेतक है। मंत्रालय ने कहा कि डॉलर की तुलन में रुपये में स्थिरता तथा पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार वाह्य स्तर पर भारत के प्रदर्शन को सपोर्ट कर रहा है।

इसके साथ ही घरेलू स्तर पर प्रमुख महंगाई के अक्टूबर में 43 महीने के निचले स्तर पर आने से उपभोक्ता मूल्य महंगाई में नरमी आ रही है। इसके अतिरिक्त थोक महंगाई में नरमी से अर्थव्यवस्था में उत्पादन लागत में कमी आ रही है।

हुंडई की विकलांगों के लिए समर्थ पहल

नई दिल्ली
 यात्री वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने आज भारत में विकलांग लोगों की जागरूकता और सक्षमता के लिए ‘समर्थ’ पहल शुरू की। यह पहल हुंडई की ‘मानवता के लिए प्रगति’ की वैश्विक दृष्टि के अनुरूप है जिसका उद्देश्य गतिशीलता की शक्ति के माध्यम से एक समावेशी, प्रगतिशील दुनिया को सक्षम बनाना है। इस पहल के माध्यम से हुंडई का लक्ष्य भारत में विकलांग लोगों के प्रति अधिक जागरूक और संवेदनशील समाज बनाने में मदद करना है।

कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ उन सू किम ने कंपनी के ब्रांड एंबेसडर अभिनेता शाहरूख खान के साथ इस पहल की शुरूआत करने की घोषणा करते हुये कहा कि भारत में 2.68 करोड़ से अधिक दिव्यांग लोगों के साथ, हुंडई ने दिव्यांगों के प्रति समाज में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता को समझा। ‘समर्थ’ के लॉन्च के साथ, हुंडई मोटर इंडिया बड़े पैमाने पर समावेशी गतिशीलता परियोजना शुरू करने वाली भारत की पहली ऑटोमोबाइल कंपनी है।

हुंडई एक जन आंदोलन बनाने के लिए एनजीओ और मीडिया नेटवर्क के साथ साझेदारी करेगी, साथ ही हुंडई डीलरशिप और नेटवर्क को और अधिक समावेशी बनाने के लिए संरेखित करेगी। प्रौद्योगिकी, साझेदारी, उत्पाद नवाचार और कहानी कहने के साथ, ‘समर्थ’ का लक्ष्य दुनिया को सभी के लिए समान अवसर में बदलना है।

किम ने कहा, “हम सिर्फ कारें नहीं बनाते हैं, बल्कि भारत को सशक्त बनाने में भी विश्वास करते हैं, और भारत को सशक्त बनाने के लिए, हम स्तंभों के तहत सामाजिक पहल करते हैं जो हुंडई के ‘जारी रखें’ और ‘मानवता के लिए प्रगति’ के प्रचार-प्रसार के वैश्विक दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। समर्थ इसी विश्वास की अभिव्यक्ति है। हमें ‘समर्थ’ पहल की शुरुआत की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जो भारत में दिव्यांगों के प्रति अधिक जागरूक और समावेशी समाज बनाने की दिशा में एक कदम है।

हमारा लक्ष्य दिव्यांगों के लिए एक अधिक न्यायसंगत और संवेदनशील समाज का निर्माण करना है और हम चाहते हैं कि वे अपनी वास्तविक क्षमताओं को देखें।” शाहरुख खान ने कहा, “हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (एचएमआईएफ) (हुंडई मोटर इंडिया की सीएसआर शाखा) ने 15 साल पुराने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फाउंडेशन, गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। भारत में पैरालिंपिक की खोज में पैरा-एथलीटों को समग्र सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं।

कार्यक्रम विकलांग लोगों के समुदाय के लिए समानता को बढ़ावा देने, नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने, व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से कौशल बढ़ाने और पैरा-स्पोर्ट्स पारिस्थितिकी तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए टीम स्पर्धाओं और व्यक्तिगत खेलों दोनों में उभरते और विशिष्ट एथलीटों के मिश्रण का समर्थन करेगा।

एचएमआईएफ गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी में भारत में पैरा एथलीटों को समग्र सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू कर रही है। यह कार्यक्रम समावेशिता को बढ़ावा देने, नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने और देश को प्रेरित करने के लिए पैरास्पोर्ट्स पारिस्थितिकी तंत्र में प्रभाव लाने के लिए टीम खेल और व्यक्तिगत खेल दोनों में एथलीटों का समर्थन करेगा।

एचएमआईएफ विकलांगों के लिए समर्थनम ट्रस्ट के साथ भी साझेदारी कर रहा है और सहायक उपकरणों के साथ विकलांग व्यक्तियों का समर्थन करेगा। इसके साथ ही, एचएमआईएफ और समर्थनम एक कार्यक्रम बनाएंगे जो भारत में दृष्टिबाधित लोगों के शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए एक मंच के रूप में ब्लाइंड क्रिकेट का उपयोग करेगा।

इस साझेदारी के माध्यम से एचएमआईएफ जमीनी स्तर और राष्ट्रीय स्तर के दृष्टिबाधित क्रिकेटरों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण शिविर आयोजित करके दृष्टिबाधित क्रिकेटरों का समर्थन करेगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय श्रृंखला का भी आयोजन करेगा, जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए बड़ा मंच मिलेगा।