क्षेत्र के व्यापारियों के द्वारा खुले आम धान का कर रहे कंपीटिशन
*कन्हैया तिवारी की रिपोर्ट*
गरियाबंद : गरियाबंद ज़िला मुख्यालय के अंतिम छोर देवभोग क्षेत्र के व्यापारियों के द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र उड़ीसा से बड़ी मात्रा मे अवैध धान के भंडारण करने में होड़ मची हुई है ।इस क्षेत्र के व्यापारियों के द्वारा ऊंची प्रशासनिक पहुंच और ऊची सेटिंग बताकर खुलेआम धान के भंडारण करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्र से धान के आवागमन को रोकने हेतु चेक पोस्ट बनाए गए हैं ताकि उड़ीसा के धान को उड़ीसा से देवभोग अंचल आने से रोका जाए लेकिन यह सभी चेक पोस्ट महज खाना पूर्ति के लिए है। कई सारे चेक पोस्ट में तो कोई शासकीय कर्मचारी की ड्यूटी भी अब तक तैनात नहीं कि गई है और अगर कुछ चेक पोस्ट में कर्मचारी तैनात भी अगर है तो व्यापारियों की प्रशासनिक पकड़ ऊंची सेटिंग के चलते इन तैनात कर्मियों को मजबूरी बस गाड़ी को छोड़ना पड़ रहा है। जिसके चलते बेखौफ होकर देवभोग अंचल में इन व्यापारियों की गाड़ी खुलेआम चौक चौराहे पर दौड़ रही है।
अगर बात करें देवभोग क्षेत्र के व्यापारियों कि जैसे झाखरपारा, देव भोग,सीनापाली , खुटगांव के नामी व्यापारी की गाड़ी खुलेआम चौक चौराहे से गुजर रही है। उड़ीसा से धान का भंडारण करने में कंपटीशन करते हुए नजर आ रहे हैं। इन व्यापारियों के गाड़ी को प्रशासन कार्रवाई करना तो दूर इन्हें रोकना भी मुनासिब नहीं समझ रहे। इससे स्पष्ट अंदेशा लगाया जा सकता है कि प्रशासन इन व्यापारियों पर किस तरह मेहरबान है।
अगर अवैध धान की भंडारण कि बात करें तो एक चैनल सा बना हुआ है व्यापारिक से यह धान बिचोलियो से होते हुए किसानों तक पहुंचती है। जब हमारे संवाददाता किसान बनकर विचोलियां से धान के सम्बन्ध मे बात की तो यह सब जानकारी बताई।
*खान पूर्ति हेतु केवल छुट मूट कारवाही*…. देवभोग प्रशासनिक टीम के द्वारा केवल छूट मूट कारवाही कर वाहवाही तो लूट रहे है। लेकीन इस क्षेत्र के बड़े व्यापारियों के ऊपर कार्यवही करने में अब तक प्रशासन नाकाम साबित हो रहे है। इससे स्पष्ट अंदेशा लगाया जा रहा है कि इन व्यापारियों के तगड़ी सेटिंग के चलते इस तरह के करोबार को अंजाम दे रहे है।
अगर इन सभी व्यापारियों के गोदाम कि औचक निरीक्षण किया जाए तो हजारों क्विटंल धान इनके गोदाम में मिल सकते है। लेकिन प्रशासन इन व्यापारियों के गोदाम को निरिक्षण करना तो दूर इनके गाड़ी को रोकने का प्रयास भी नहीं कर रहे है।
अब देखना यह होगा कि इस खबर के प्रकाशन के बाद प्रशासन इन व्यापारियों के उड़ीसा से धान भण्डारण पर रोक लगा पाती है या ये व्यापारी खुले आम धान का भंडारण कर सरकार को करोड़ों के चुना लगाते है।