पश्चिम बंगाल
तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ बढ़ते तनाव के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनके आधिकारिक आवास राजभवन में जासूसी की कोशिश हो रही है। बोस ने दावा किया कि कोलकाता स्थित गवर्नर हाउस में जासूसी को लेकर उनके पास विश्वसनीय सूचना है। राज्यपाल ने कहा कि मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से शिकायत कर दी गई है। उन्होंने कहा, 'यह सच्चाई है। राजभवन में जासूसी को लेकर मेरे पास विश्वसनीय जानकारी है। फिलहाल मैं इंतजार कर रहा हूं और देखता हूं कि आगे क्या होता है।'
राज्यपाल बोस ने यह नहीं बताया कि जासूसी प्रयास के पीछे कौन हो सकता है। मालूम हो कि बोस का राज्य सरकार के साथ कई मामलों को लेकर तनावपूर्ण संबंध रहा है। इसी महीने की शुरुआत में गवर्नर ने रवींद्रनाथ टैगोर के नाम वाली पट्टिकाओं की स्थापना पर यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मांगी थी। उन्होंने राजभवन के उत्तरी द्वार का नाम भी बदल दिया और 'गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर गेट' रख दिया था। यह सब तब हुआ जब कैंपस के अंदर टैगोर के नाम के बिना कुछ पट्टिकाएं लगाई गईं, जिसे लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।
बंगाल में हिंसा की संस्कृति होनी चाहिए खत्म: राज्यपाल
राज्यपाल ने कुछ दिनों पहले कहा था कि बंगाल में हिंसा की संस्कृति बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षिण 24 परगना जिले के जॉयनगर में TMC के स्थानीय नेता की हत्या और इस घटना के आरोपी की पीट-पीटकर हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजभवन में कार्यक्रम के इतर बोस ने कहा, 'हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लिए न सिर्फ कानूनी कार्रवाई बल्कि सामाजिक उपायों की भी जरूरत है। हिंसा बंगाल की राजनीति को प्रभावित कर रही है। हिंसा की यह संस्कृति बंद होनी चाहिए।' राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि बंगाल में आगजनी, लूटपाट और हत्याएं आम बात हो गई हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा की मौजूदा संस्कृति को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।