तेल अवीव
इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास ने आतंकी हमला किया था। तब से हमास और इजरायल के बीच युद्ध जारी है। इस बीच इजरायल ने भारत के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इजरायल ने लश्कर-ए-तैयबा को एक आतंकी संगठन घोषित किया है। भारत में इजरायल के दूतावास ने मंगलवार को कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की याद के 15 वर्ष के प्रतीक के रूप में इजरायल ने लश्कर ए तैयबा को एक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। इस कदम से इजरायल ने एक बड़ा डिप्लोमैटिक दांव खेला है।
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए लश्कर के आतंकियों ने मुंबई में हमला किया था। हमला मुंबई पर हुआ था, लेकिन इससे पूरा देश हिल गया। ऐसे में हर साल 26 नवंबर को पूरा देश दुखी हो जाता है। भारत सरकार की ओर से ऐसा कोई भी अनुरोध नहीं किया गया था, इसके बावजूद इजरायल ने औपचारिक तौर पर सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। लश्कर-ए-तैयबा को आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है।
इजरायल का बड़ा कदम
इजरायल ज्यादातर उन आतंकी संगठनों को लिस्ट में डालता है जो उसकी सीमाओं के अंदर या उसके आसपास या उसके खिलाफ सक्रिय तरीके से काम कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर UNSC या अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से मान्यता प्राप्त आतंकियों को भी इजरायल लिस्ट में डालता है। 26/11 के आतंकी हमले में सैंकड़ों भारतीय और कई विदेशी लोगों की मौत हो गई थी। इजरायली दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इजरायल आतंकवाद के पीड़ितों के साथ है। बेहतर शांतिपूर्ण भविष्य की उम्मीद में आपके साथ खड़े हैं।
इजरायल का डिप्लोमैटिक दांव
लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी घोषित करना इजरायल का एक बड़ा डिप्लोमैटिक कदम है। दरअसल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास ने आतंकी हमला किया था। इजरायल से अच्छे संबंध होने के बावजूद हमास को अभी तक भारत ने आतंकी संगठन घोषित नहीं किया है। 26 अक्टूबर को इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन (Naor Gilon) ने कहा था, 'मुझे लगता है यह हमास को दुनिया और भारत में एक आतंकी संगठन घोषित करने का एकदम सही समय है। यूरोपीय यूनियन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूएस पहले ही यह कर चुके हैं।' लश्कर को आतंकी घोषित कर इजरायल चाहता है कि भारत हमास के खिलाफ भी कोई ऐसा ही कदम उठाए।