रायपुर.
मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में मतदान समाप्त होने के बाद दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस व भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं। चूंकि नतीजे आने में अभी 15 दिन का समय है, इसलिए दोनों दल हर विधानसभा क्षेत्र को लेकर संभावित आकलन कर सकेंगे। मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ दोनों में पिछली बार जैसा ही मतदान होने की संभावना है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को शाम पांच बजे तक छत्तीसगढ़ (70 सीटें) में 67.34 और मध्य प्रदेश में (सभी सीटें) 71.11 प्रतिशत मतदान हुआ है। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 20 सीटों के लिए 78 फीसद मतदान हुआ था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में 76.88 फीसद मतदान हुआ था और सत्तारूढ़ भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि यह इसके पहले 2013 के मतदान से लगभग आधा फीसद कम था, लेकिन इसके बावजूद बदलाव का कारण बना था।
भाजपा कांग्रेस से पांच सीटों से पिछड़ गई थी
मध्य प्रदेश में 71.16 फीसद मतदान हुआ है। अंतिम आंकड़ों में यह कुछ बढ़ सकता है। पिछली बार राज्य में 75.63 फीसद मतदान हुआ था और यह 2013 की तुलना में साढ़े तीन फीसद ज्यादा था। तब इसे सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ माना गया था और भाजपा कांग्रेस से 5 सीटों से पिछड़ गई थी। हालांकि उसे आधा फीसदी वोट ज्यादा मिला था।
महिलाओं के ज्यादा मतदान करने का अनुमान
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार दोनों राज्यों में बड़ा मुद्दा नहीं है। ऐसे में कांटे की टक्कर के बावजूद जनता निर्णायक जनादेश दे सकती है। मध्य प्रदेश में भाजपा नेताओं का कहना है कि अभी जो अनुमान है उसके अनुसार महिला मतदाताओं ने ज्यादा मतदान किया है, जिससे भाजपा को लाभ मिलेगा। वहीं कांग्रेस का कहना है कि अंतिम आंकड़ों में मतदान बढ़ेगा और राज्य में बढ़ा हुआ मतदान सत्ता के खिलाफ जाएगा। हालांकि छत्तीसगढ़ को लेकर किसी दल के कोई बड़े दावे नहीं है। कांग्रेस मतदान को लेकर काफी आश्वस्त है। वहीं भाजपा को पिछली बार से ज्यादा बेहतर नतीजों की उम्मीद है। राज्य में पिछली बार अजित जोगी की पार्टी काफी मजबूत थी।