सबरीमाला
हाल ही में कुट्टनाड क्षेत्र में एक धान किसान की आत्महत्या को लेकर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने केरल की वामपंथी सरकार पर निशाना साधा। करंदलाजे ने राज्य सरकार पर किसान कल्याण के लिए केंद्र सरकार के धन का उपयोग करने में विफल रहने का आरोप लगाया। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिनराई विजयन सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है और उस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया। ।
'धन का दुरुपयोग कर रही राज्य सरकार'
करंदलाजे ने आरोप लगाते हुए कहा, "राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है, वे केंद्र सरकार की मदद नहीं ले रही। वे केंद्र सरकार के धन का उपयोग नहीं कर रही और धन का दुरुपयोग कर रही है। यही कारण है कि कई किसान मुसीबत में हैं।"
'राज्य सरकार के कारण किसान कर रहे आत्महत्या'
साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की कई सहकारी समितियां संकट में हैं। केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार पर ऐसी संस्थाओं में भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सहकारी समितियों और बैंकों में निवेश करने वाले कई किसान आत्महत्या कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिल रहा है।"
सरकारी समितियों में भी भ्रष्टाचार
केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार से किसानों को उनका निवेश किया गया पैसा वापस दिलाने में मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने दावा किया, "मैंने कई सहकारी समितियों का दौरा किया। वे मुझे बता रहे हैं कि सरकार सहकारी समितियों के पैसे को अन्य कारणों से खर्च करती है।" करंदलाजे ने कहा कि यही कारण है कि जिन किसानों ने सहकारी समितियों और बैंकों में निवेश किया था और अपना पैसा रखा था, उन्हें उनकी रकम वापस नहीं मिल रही है।
बिक्री के पैसे न मिलने पर किसान ने की आत्महत्या
हाल ही में अलाप्पुझा जिले के कुट्टनाड क्षेत्र में एक किसान ने कथित तौर पर सरकार द्वारा खरीदे गए धान का भुगतान नहीं किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली। मृतक द्वारा उठाए गए इस कठोर कदम के पहले का एक वीडियो कॉल इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में मृतक प्रसाद को यह कहते हुए दिखाया गया कि वह जीवन में एक असफल व्यक्ति थे और बैंक उनके कम सिबिल स्कोर के कारण उन्हें ऋण देने से इनकार कर रहे थे।
प्रसाद ने वीडियो कॉल पर किया दावा
प्रसाद ने आरोप लगाया कि उन्हें धान रसीद शीट (PRS) योजना के तहत फसल कटाई के बाद ऋण के रूप में पिछले सीजन के लिए धान खरीद मूल्य प्राप्त हुआ था, और सरकार द्वारा इसे चुकाने में विफलता के कारण बैंकों ने इस बार उन्हें ऋण देने से इनकार कर दिया। इस घटना के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष और भाजपा ने किसानों से खरीदे गए धान के भुगतान में कथित देरी या विफलता को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ वाम दल की कड़ी आलोचना की थी।