नई दिल्ली
भारत में सोने (Gold) का मोह कुछ ज्यादा ही है। हर लोग सोना खरीदना चाहते हैं। चाहे शादी-ब्याह हो या छठी-जन्मोत्सव, हर शुभ अवसर पर सोने का उपहार दिया ही जाता है। दिवाली और धनतेरस पर भी इस बार खूब सोना खरीदा गया। लेकिन भारतीयों का यह सोने का प्यार इकॉनामी का दम निकाल रहा है। पिछले महीने सोने का आयात (Gold Import) बीते सितंबर महीने के मुकाबले बढ़ कर लगभग दूना हो गया। इस चक्कर में अक्टूबर 2023 के दौरान अपना व्यापार घाटा बढ़ कर 31 अरब डॉलर से भी ऊपर चला गया।
सोने का आयात बढ़ कर दूना
बीते अक्टूबर महीने में सोने का आयात बढ़ कर करीब-करीब दूना हो गया। इस महीने देश में 7.2 अरब डॉलर का सोना विदेशों से खरीदा गया जबकि इससे एक महीने पहले मतलब कि सितंबर 2023 के दौरान 4.1 अरब डॉलर का सोना आयात किया गया था। यह 95.4 फीसदी की बढ़ोतरी है।
क्यो बढ़ रहा है सोने का आयात
दिल्ली बुलियन एंड ज्वैलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का कहना है कि यह आयात त्योहारी तैयारी के लिए हुआ था। नवंबर में धनतेरस और दिवाली का त्योहार था। इसलिए अक्टूबर में खूब सोना मंगाया गया। गोयल का कहना है कि इसी महीने 23 तारीख से शादी-ब्याह का मौसम शुरु हो रहा है। इस अवसर पर सोने की खूब खरीदारी की जाती है। अब नवंबर में जेवरातों की खरीदारी होगी तो उसे बनाने में भी समय लगेगा। इसलिए लगन की खरीदारी के लिए भी बाहर से सोना अक्टूबर में ही मंगवा लिया गया।
व्यापार घाटा रिकार्ड ऊंचाई पर
बीते अक्टूबर में भारत का वस्तु व्यापार घाटा अक्टूबर में 31.5 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। त्योहारी मांग के कारण न सिर्फ सोना बल्कि चांदी के आयात में भी जबरदस्त वृद्धि हुई। इसी से व्यापार घाटा भी खूब बढ़ा। एक साल पहले इसी महीने में देश का व्यापार घाटा 26.31 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, बीते अक्टूबर में वस्तु निर्यात पिछले 11 महीनों में सबसे तेज गति (6.2 फीसदी) से बढ़कर 33.6 अरब डॉलर हो गया। इसी महीने आयात भी पिछले 13 महीनों में सबसे अधिक रफ्तार (12.3 फीसदी) से बढ़कर 65.03 अरब डॉलर हो गया। महीने के दौरान सोने का आयात 95.4 फीसदी बढ़कर 7.2 अरब डॉलर हो गया जबकि चांदी का आयात 124.6 फीसदी उछाल के साथ 1.3 अरब डॉलर हो गया।
अब बढ़ेगा निर्यात
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल का कहना है कि अब भारत से निर्यात बढ़ने लगा है। अक्टूबर के आंकड़ों से पता चलता है कि उम्मीद के संकेत अब दिखने लगे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगस्त के आंकड़ों के दौरान हमने जिन उम्मीद की किरणों की बात की थी वे अब स्थिर होने लगी हैं। उम्मीद है कि हम पिछले साल के आंकड़े को पार कर लेंगे। यह ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक स्तर पर जिंस की कीमतों में नरमी दिख रही है। इसके अलावा उच्च ब्याज दर और विनिमय दर में तेजी के कारण चुनौतियां बरकरार हैं। हम उन नए बाजारों का भी गंभीरतापूर्वक विश्लेषण कर रहे हैं जहां हम कारोबार कर सकते हैं।’गौरतलब है कि फरवरी से ही वस्तु निर्यात में गिरावट दर्ज की जा रही थी, मगर अगस्त में आंकड़ों में संशोधन के कारण स्थिति अलग रही।
सर्विस एक्सपोर्ट भी घटा है
बीते अक्टूबर में सविर्स एक्सपोर्ट 28.7 अरब डॉलर का रहा जो सितंबर में 29.37 अरब डॉलर रहा था। महीने के दौरान सर्विस इंपोर्ट 14.32 अरब डॉलर कर रहा जो सितंबर में 14.91 अरब डॉलर का रहा था।