सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना को बताया राष्ट्रीय आपदा, कहा- हाईकोर्ट के अधिकार नहीं छीने
वैक्सीन की अलग-अलग कीमत पर भी उठाया सवाल, केंद्र से पूछा आधार
ऑक्सीजन की आवश्यकता व आपूर्ति की स्थिति भी बताने दिए निर्देश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देश संकट में हैं ऐसे में वह मूकदर्शक नहीं रह सकता। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की आवश्यकता और आपूर्ति की स्थिति बताने के लिए कहा है। साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र से यह भी जानना चाहा है कि देश भर में कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे की उपलब्धता और दवाइयों और वैक्सीन की स्थिति क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन के अलग-अलग कीमतों पर भी सवाल उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग कंपनियां वैक्सीन की अलग-अलग कीमतें ले रही है, आखिर इसके पीछे आधार क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कहा कि क्या वैक्सीन की कीमतों पर नियंत्रण के लिए पेटेंट एक्ट के उपयोग किया गया सकता है, आखिरकार यह राष्ट्रीय संकट और महामारी की स्थिति है। केंद्र को यह बताने के लिए भी कहा गया है कि किन आधारों पर वैक्सीन के दाम तय किए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि एक मई से जब 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगना शुरू होगा तो वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए क्या रूपरेखा तैयार की गई है। केंद्र को रूपरेखा अदालत में पेश करने के लिए कहा है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि कोरोना प्रबंधन के मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुरू की गई स्वतऱ् संज्ञान कार्यवाही का उद्देश्य हाईकोर्ट को दरकिनार करना या विभिन्न हाईर्को से सुनवाई को अपने पास लाना नहीं है।
पीठ ने कहा, राष्ट्रीय संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट मूकदर्शक नहीं रह सकता। हमारा उद्देश्य समान मामलों को उठाने वाले हाईकोर्ट पर पाबंदी या रोक लगाना नहीं है।
पीठ ने स्पष्ट किया, इस कार्यवाही का उद्देश्य हाईकोर्ट को दरकिनार करना या हाईकोर्ट से उन मामलों को यहां लाना नहीं है। हाईकोर्ट हमेशा बेहतर स्थिति में होता है कि वह यह देख सके कि उसकी क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर क्या चल रहा है।
सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कुछ सवाल पूछने के बाद सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया। सुनवाई के दौरान पीठ ने वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता और मीनाक्षी अरोड़ा को अमायकस क्यूरी नियुक्त किया है। मालूम हो कि इससे पहले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को अमायकस क्यूरी नियुक्त किया गया था लेकिन बाद में वे इससे पीछे हट गए थे।
00 ऑक्सीजन की आपूर्ति की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं: केंद्र
कोविड प्रबंधन से जुड़े मसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की प्रक्रिया में शामिल हैं। सरकार ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने का काम युद्धस्तर पर जारी है और इस समस्या से निपटने के लिए नए उपाय भी किए जा रहे हैं।
हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र सरकार, प्रधान मंत्री और गृह मंत्री की सक्रिय और निरंतर निगरानी में ऑक्सीजन आपूर्ति को बढाने में युद्धस्तर पर लगी हुई है। इसके लिए नए उपायों को लागू किया जा रहा है।
सभी राजनीतिक दल पार्टी लाइनों से हटकर समन्वय कर रहे हैं।
सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए देश में उपलब्ध तमाम संसाधनों को जुटाने की कोशिश की जा रही है। विदेशों से भी आयात किए जा रहे हैं।
औद्योगिक गैस उत्पादन करने वाली कंपनियों को चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है। टैंकरों की उपलब्धता बढाने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा कई अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं।