अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव: हेली की प्रचार मुहिम ने पकड़ी रफ्तार, ट्रंप की बढ़त बरकरार
वाशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने की दावेदारी पेश रह रहीं भारतीय अमेरिकी नेता निक्की हेली की चुनाव प्रचार मुहिम गति पकड़ती नजर आ रही है।
दरअसल प्रतिद्वंद्वी खेमों को चंदा देने वाले कई अहम लोगों ने हेली का साथ देने का फैसला किया है और भारतीय अमेरिकी नेता ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान आयोवा और न्यू हैम्पशायर में टेलीविजन, रेडियो और डिजिटल विज्ञापनों पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए जाने की घोषणा की है।
बहरहाल, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं और उनकी स्वीकृति की रेटिंग 60 प्रतिशत से भी अधिक है।
फ्लोडिया के गवर्नर रॉन डेसेंटिस करीब 14 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में पिछले कुछ महीने से गिरावट आ रही हैं। पहले उनकी स्वीकृति की रेटिंग 30 प्रतिशत से अधिक थी।
दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुनने के लिए हुई बहस में शानदार प्रदर्शन के बाद से हेली की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और उनकी स्वीकृति रेटिंग दोहरे अंक में पहुंच गई है।
कैक्सटन अल्टरनेटिव मैनेजमेंट के ब्रूस कोवनर और हार्लन क्रो समेत विरोधी खेमे को चंदा देने वाले कई लोगों ने हेली का समर्थन करने का फैसला किया है। पहले टिम स्कॉट का समर्थन कर रहे केन ग्रिफिथ ने भी हेली को समर्थन देने की घोषणा की है।
इससे प्रोत्साहित होकर हेली ने घोषणा की कि उनके चुनाव प्रचार अभियान के दौरान आयोवा और न्यू हैम्पशायर में टेलीविजन, रेडियो और डिजिटल विज्ञापनों पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए जाएंगे।
बड़े स्तर पर इस विज्ञापन का मकसद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत हेली को पार्टी की उम्मीदवारी के अहम चरण में गवर्नर डिसेंटिस से आगे निकलना है। रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्पष्ट विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश के तहत हेली ने यह कदम उठाया है।
हेली के चुनाव अभियान प्रबंधक बेट्सी एंकने ने कहा, ‘‘निक्की हेली की गति और जीत का रास्ता स्पष्ट है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बात रॉन डिसेंटिस के लिए नहीं कही जा सकती, जो आयोवा में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी न्यू हैम्पशायर में रेड एरो डिनर में एक कप कॉफी नहीं खरीद सकते और दक्षिण कैरोलिना में महज एक पर्यटक हैं।’’
दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र रूप से काम करने की सैन्य क्षमता के लिए खड़े हों बाइडन: अमेरिकी सांसाद
वाशिंगटन
अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन से अपील की कि वह अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के साथ मुलाकात के दौरान फेंटानिल (मादक पदार्थ) की अवैध तस्करी एवं अमेरिकी कारोबार के लिए बाध्यकारी माहौल के मुद्दों को उठाएं तथा दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र रूप से काम करने की सेना की क्षमता के पक्ष में खड़े हों। बाइडन और शी सैन फ्रांसिस्को में एपेक (एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग) नेतृत्व बैठक से इतर मुलाकात करेंगे।
सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने फेंटानिल की तस्करी, चीन में अमेरिकी कारोबारों के लिए बाध्यकारी माहौल समेत उन मुद्दों को गिनाया जिन्हें उनके हिसाब से बाइडन को शी के समक्ष उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने खासकर इजराइल-गाजा संघर्ष के सिलसिले में राष्ट्रपति शी से कहा कि चीन को ईरान को ऐसा कोई भी काम करने से रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे संघर्ष बढ़ने की आशंका हो। इस संकट की स्थिति में चीन को नकारात्मक नहीं, बल्कि सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी के साथ भेंट के दौरान मैंने सात अक्टूबर (जब हमास ने इजराइल में आम नागरिकों पर हमला किया था) के बारे में बयान जारी करने को लेकर चीन सरकार की आलोचना की थी जिसमें आम नागरिकों की हत्या की निंदा नहीं की गई थी। इसके बाद उन्होंने अगले ही दिन पहले से कड़ा बयान जारी किया।’’ उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रपति बाइडन ‘‘इस बात को लेकर इसी प्रकार दृढ़ रहते हैं कि चीन ईरान और रूस को लेकर स्थिरता लाने वाली भूमिका निभाए, तो मैं समझता हूं कि इससे बड़ा फर्क आएगा। ’’
सीनेट में बहुमत के नेता ने कहा कि उनका मानना है कि राष्ट्रपति बाइडन और राष्ट्रपति शी के बीच भेंट यह दिखाने के लिए चीन की असली परीक्षा होगी कि वह अमेरिका के साथ वाकई बेहतर संबंध चाहता है या नहीं। सांसद रॉब विट्टमैन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन को यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि अमेरिका पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बढ़ते सैन्य आक्रामक रुख को बर्दाश्त नहीं करेगा।
बुर्किना फासो के एक गांव में हुए नरसंहार में 70 लोगों की मौत: प्राधिकारी
औगाडौगू
उत्तरी बुर्किना फासो के एक गांव में इस महीने की शुरुआत में अज्ञात हमलावरों ने करीब 70 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें अधिकतर महिलाएं एवं बच्चे शामिल हैं। प्रशासन ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि इस नरसंहार की जांच की जा रही है।
अभियोजक साइमन बी ग्नानौ ने बताया कि यह हमला बौलसा शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर जाओंगो गांव में हुआ। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि इस नरसंहार के पीछे किसका हाथ है।
यह पश्चिम अफ्रीकी देश अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े जिहादी चरमपंथियों से वर्षों से जूझ रहा है। इन संघर्षो में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और 20 लाख से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।
यूरोपीय संघ ने कहा था कि गांव में हुए इस नरसंहार में मृतक संख्या 100 है,लेकिन ग्नानौ ने कहा कि जांचकर्ता पीड़ितों के परिजन से मिल रहे हैं और वे मृतक संख्या 70 होने संबंधी जानकारी जल्द ही अद्यतन करेंगे।
उन्होंने कहा कि स्थानीय कानून एजेंसी को अन्य लोगों को इस हमले को लेकर सतर्क करने में दो दिन और जांचकर्ताओं को घटनास्थल पर पहुंचने में चार और दिन लगे, जहां उन्हें दर्जनों घर जले मिले। उन्होंने कहा कि एक समय जांचकर्ताओं के काफिले पर भी हमला हुआ, लेकिन उसे नाकाम कर दिया गया।