Home खेल गेंदबाजों के लिए ‘कब्रगाह’ वानखेड़े की पिच पर कैसे जलवा बिखेरेंगे भारतीय?

गेंदबाजों के लिए ‘कब्रगाह’ वानखेड़े की पिच पर कैसे जलवा बिखेरेंगे भारतीय?

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मुंबई:

भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के लिए गेंदबाजों की सराहना करते हुए कहा कि उनके बेजोड़ कौशल ने उन्हें मौजूदा विश्व कप में विभिन्न हालात में किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाया। भारतीय टीम विश्व कप में अब तक अजेय है और उसने अपने सभी लीग मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है जहां उसका सामना बुधवार को मुंबई में न्यूजीलैंड से होगा। तेज गेंदबाजी हो या स्पिन, भारतीय गेंदबाजों ने हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया है।

9 अलग विकेट पर 9 मैच, यूं ही नहीं भारतीय बॉलिंग सुपर हिट
जसप्रीत बुमराह (17 विकेट), मोहम्मद शमी (16 विकेट), मोहम्मद सिराज (12 विकेट), रविंद्र जडेजा (16 विकेट) और कुलदीप यादव (14 विकेट) ने टूर्नामेंट में अब तक अपना जलवा बिखेरा है। रविवार को नीदरलैंड के खिलाफ मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने म्हाम्ब्रे के हवाले से कहा, ‘विभिन्न कौशल के मामले में हमारे पास किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है। विभिन्न सतहों पर, ऐसा करने के लिए हमारे पास गेंदबाज हैं और हमने ऐसा किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम एकमात्र टीम थे जिसे अपने मुकाबले नौ अलग स्थलों पर खेले। इसलिए हम 9 अलग विकेट पर खेले, 9 अलग चुनौतियां।’

भारत के पास बुमराह जैसे मैच विनर हैं, कहीं भी कमाल कर सकते हैं
म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘हमारे पास इन हालात का फायदा उठाने के लिए सही गेंदबाज थे और उन्होंने यह दर्शाया। वे सभी किसी भी दिन अपने देश के लिए मैच जीतने में सक्षम हैं।’ म्हाम्ब्रे ने गेंद को दोनों ओर मूव कराने की क्षमता के लिए बुमराह की सराहना की जबकि सीम गेंदबाजी के लिए शमी की तारीफ की। गेंदबाजी कोच ने कहा, ‘बुमराह का एक्शन काफी अलग है। उसने (चोट के बाद) जिस तरह वापसी की उसे देखिए। उसका कौशल, अलग तरह का एक्शन। वह आपको पूरी तरह छका देता है। अब वह गेंद को दोनों ओर मूव कराता है। वह गेंद को अंदर लाता है और गेंद को बाहर ले जाता है। वह खतरनाक बन गया है।’

शमी की सीम कमाल की है
उन्होंने कहा, ‘शमी ऐसा गेंदबाज है जो सीम पर काम करता है। आपको नहीं पता कि शमी की गेंद कब सीम पर टकराएगी और किस ओर मूव करेगी।’ म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘सिराज ने पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति की है। वह अपनी गेंदबाजी को समझता है। उसने विभिन्न कौशल का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में उसकी गेंद दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए अंदर आती थी लेकिन अब वह गेंद को बाहर भी ले जाने लगा है।’ स्पिनरों का आकलन करते हुए म्हाम्ब्रे ने सटीक गेंदबाजी के लिए जडेजा की सराहना की जबकि अपनी गेंदबाजी में जरूरी बदलाव करने के लिए कुलदीप की भी तारीफ की।

म्हाम्ब्रे ने कहा,‘उसकी क्षमता सामान्य सी है। वह बिलकुल सही लेंथ पर गेंद करता है। बेहद सटीक। वह अपनी गेंदबाजी को लेकर काफी किफायती है। बल्लेबाज का कोई मौका नहीं देता।’ उन्होंने कहा ‘कुलदीप ने पिछले कुछ वर्षों में जो किया है वह काफी अच्छा लगा। उसने अपने रन अप में थोड़ा तकनीकी बदलाव किया जिससे उसे काफी मदद मिली।’ रविचंद्रन अश्विन को भले ही सिर्फ एक मैच खेलने को मिला हो लेकिन म्हाम्ब्रे का मानना है कि अनुभव के मामले में यह ऑफ स्पिनर काफी योगदान दे सकता है।