बेंगलुरु
अथॉरिटी की तरफ से जारी आदेश में कहीं हिजाब का नाम अलग से नहीं लिखा गया है। हालांकि हेड कवर बैन में हिजाब खुद ब खुद शामिल हो जाता है। बता दें कि 18 और 19 नवंबर को राज्य में कई भर्ती परीक्षाएं आयोजित होनी हैं। ऐसे में सरकार का यह फैसला बड़ा मायने रखता है। केईए के आदेश में कहा गया है, सिर पर कोई कपड़ा, टोपी या फिर हेड कवर, या फिर फेस कवर को परीक्षा हॉल में अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि केईए ने अक्टूबर में हुई परीक्षाओं में हिजाब को अनुमति दे दी थी। वहीं कई जगहों से मंगलसूत्र को लेकर विवाद सामने आया था।
इसके अलावा, जिन छात्रों से अपना मंगलसूत्र उतारने के लिए कहा गया था, उनमें से एक ने कहा कि अधिकारियों ने हिजाब पहनने वाली महिलाओं की भी जांच की, लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी. यह घटनाक्रम केईए परीक्षा में कुछ छात्रों को नकल करते हुए पकड़े जाने के कुछ दिनों बाद आया, जो विभिन्न बोर्डों और निगमों में पदों को भरने के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करती है. इस परीक्षा के दौरान एग्जाम हॉल में छात्रों को ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करते हुए पकड़ा गया था.
बीते दिनों कर्नाटक पब्लिक सर्विस कमिशन के दौरान सामने आया था कि कुछ लड़कियों को एग्जामिनेशन हॉल में जाने देने से पहले मंगलसूत्र हटाने को कहा गया था। अधिकारियों ने जांच के दौरान गले कि चेन, बिछुए और झुमके भी निकालने को कहा था। वहीं कुछ स्टूडेंट्स को मंगलसूत्र उतारने के बाद ही परीक्षा हॉल में प्रवेश दिया गया। इसके बाद भाजपा ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए थे। कहा गया था कि परीक्षा में नकल रोकने के लिए ये कदम उठाए गए थे। वहीं छात्रों का कहना था कि बर्के में आए स्टूडेंट्स को भी एग्जामिनेशन हॉल में छूट दी जा रही थी।
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद जनवरी 2022 में शुरू हुआ था जब उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में 5 लड़कियों को हिजाब पहनकर प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। इके बाद लड़कियों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उडुपी के कई कॉलेज के स्टूडेंट्स प्रदर्शन में शामिल हो गए। इसके बाद यह प्रदर्शन राज्यव्यापी हो गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शपथ लेने के बाद कहा था कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम से शिक्षा में मिलावट नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा था कि शिक्षा में सौहार्द बिगाड़ने वालों को दंडित किया जाएगा।