ओटावा
सूत्रों का कहना है कि कनाडा की पुलिस ने उस उपद्रव को अंतर सामुदायिक लड़ाई बताया और कहा कि दो धर्मों के लोगों में झड़प हुई है। भारत सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि खालिस्तानियों की हरकतों को देखने के बाद भी जस्टिन ट्रूडो की सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। वह अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर खालिस्तानी संगठनों को बढ़ावा देती है। हिंदुओं के त्योहारों के दौरान हमला करना और भी चौकाने वाला है। उन्होंने कहा कि राजनयिक रास्ते से इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
बता दें कि यूएन के मानवाधिकार परिषद की बैठक में भी भाजपा ने कनाडा को जमकर लताड़ लगाई और आईना दिखाया। भारत ने कहा कि कनाडा में आतंकियों का समर्थन किया जा रहा है और उनके हौसले बढ़ रहे हैं। वहीं विशेष धर्म के पूजा स्थलों पर हमला हो रहा है जिसपर सरकार कोई ऐक्शन नहीं ले रही है।बता दें कि निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में भारत पर आरोप लगा दिया था। इसके बाद भारत ने भी उनके बयान को बेहूदा और बेतुका करार दिया और आरोपों को खारिज कर दिया।
बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी गुरुवार को दिवाली मनाई थी और नया डाक टिकट भी जारी किया था। बीते पांच सालों से यह परंपरा चल रही है। 2017 में पहली बार कनाडा ने दिवाली पर स्टैंप जारी किया था। बता दें कि कनाडा में रहने वाले बौद्ध, सिख और जैन समदुया के लोग दिवाली मनाते हैं।