पेरिस.
जंग गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रही है, लेकिन इसके चलते तनाव यूरोप तक चरम पर है। लंदन, पेरिस, बर्लिन जैसे बड़े यूरोपीय शहरों में यहूदी विरोधी और इजरायल समर्थकों के बीच कई बार झड़पें हुई हैं तो हजारों लोगों की रैली निकाल ताकत भी दिखाई गई है। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में यहूदी विरोधी 30 हजार लोगों की रैली निकाली गई, जिससे तनाव पैदा हो गया है। इसके जवाब में इजरायल समर्थकों ने भी जगह-जगह पर रैलियां निकाली हैं।
इस तरह लंदन में सुरक्षा व्यवस्था की चिंता बढ़ गई है। दोनों पक्षों की रैलियों में बड़े पैमाने पर फोर्स तैनात करनी पड़ रही है ताकि कोई हिंसा न भड़के। इस बीच रविवार को पेरिस में 1 लाख लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। आमतौर पर यूरोपीय देशों में इतनी बड़ी रैलियां नहीं देखी जातीं। ऐसे में पेरिस में हुआ यह आंदोलन अनोखा था। इस रैली में इजरायल समर्थक एक लाख लोग जुटे और हमास जैसे आतंकी संगठन के खात्मे की मांग की। यह रैली उन प्रदर्शनों के जवाब में निकाली गई, जो बीते कई दिनों से चल रहे थे और यहूदियों एवं इजरायल की निंदा की जा रही थी। पेरिस के अलावा स्टार्सबर्ग, नाइस, ल्यॉन जैसे शहरों में ये प्रदर्शन हुए थे। इनके चलते यहूदी समुदाय में नाराजगी देखी जा रही थी।
माना जा रहा है कि इसी के जवाब में यह विशाल रैली निकाली गई। फ्रांस की राजधानी में करीब 5 लाख यहूदी रहते हैं। शहर में मुस्लिमों की भी अच्छी खासी आबादी है। इस लिहाज से गाजा में छिड़े युद्ध से पेरिस में भी संवेदनशीलता बढ़ गई है। 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला बोल दिया था और उसके बाद से ही जंग जारी है। इजरायल ने गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं, जिनमें 12000 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों के मरने की बात कही जा रही है। 7 अक्टूबर की घटना के बाद से अब तक फ्रांस में यहूदी और इजरायल विरोधी 1,250 छोटे-मोटे प्रदर्शन हो चुके हैं।
पुलिस के मुताबिक रविवार को हुए आंदोलन में करीब 1 लाख 5 हजार लोग शामिल थे। इस दौरान 3 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। खास बात यह है कि इस प्रदर्शन में पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसिंस ओलांद, निकोलस सरकोजी जैसे कई नेता शामिल थे। इस आंदोलन का नारा था, 'फॉर द रिपब्लिक, अगेंस्ट ऐंटी-सेमेटिज्म।'