नई दिल्ली
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स (आरएफवाईएस) फुटबॉल टूर्नामेंट की सराहना करते हुए कहा कि यह टूर्नामेंट सही समय पर युवा प्रतिभाओं की पहचान कर रहा है और उनको अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच प्रदान कर रहा है। छेत्री ने वर्तमान में अपने छठे सीजन में पहुंच चुके आरएफवाईएस टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा की प्रशंसा की। उन्होंने इसे एक आदर्श मंच बताया है जिसका उपयोग युवा खिलाड़ी पेशेवर रूप से आगे बढ़ने के लिए कर रहे हैं।
छेत्री ने आरएफवाईएस से बातचीत में कहा, "यह (आरएफवाईएस) महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सही समय और उम्र में उनकी (प्रतिभाओं की) पहचान कर रहे हैं। साथ ही, टूर्नामेंट अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है। यह सभी लड़कियों और लड़कों को अपना कौशल दिखाने का उचित मंच देता है।" उन्होंने कहा, "कई ऐसे युवा फुटबॉलर हैं, जिन्होंने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है और अब वे बेंगलुरू एफसी और अन्य क्लबों के लिए खेल रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यह एकदम सही मंच है। मुझे उम्मीद है कि न केवल यह टूर्नामेंट, बल्कि कई अन्य टूर्नामेंट भी सामने आएंगे क्योंकि हमारे देश में बहुत प्रतिभाएं हैं।"
बेंगलुरू एफसी में छेत्री के टीम साथी शिवशक्ति नारायणन इसका एक आदर्श उदाहरण हैं। यह 22 वर्षीय फॉरवर्ड आरएफवाईएस में खेल चुका है और वह 2022 में रिलायंस फाउंडेशन डेवलपमेंट लीग (आरएफडीएल) के उद्घाटन संस्करण का भी हिस्सा था। शिवशक्ति ने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) 2022-23 में ब्लूज के लिए एक असाधारण प्रदर्शन किया था। वह मुख्य कोच क्लिफोर्ड मिरांडा की देख-रेख में एएफसी अंडर-23 एशियाई कप क्वालीफायर खेल चुकी भारतीय टीम का कप्तान भी थे।
इसके अतिरिक्त, हीरा मंडल (नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी), माकन विंकल छोटे (हैदराबाद एफसी), गुरनाज सिंह ग्रेवाल (ईस्ट बंगाल एफसी) जैसे आईएसएल खिलाड़ियों के साथ-साथ शिल्की देवी हेमम और मरियम्मल बालामुरुगन जैसी महिला फुटबॉलर भी आरएफवाईएस इको-सिस्टम से निकले हैं और पहले ही कई टूर्नामेंटों में भाग ले चुके हैं। इस आईएसएल सीजन 10 में पदार्पण करने वाली टीम पंजाब एफसी के लिए खेले पांच मैचों में एक गोल करने वाले मेलरॉय मेल्विन अस्सिसी भी पूर्व में आरएफवाईएस में खेल चुके हैं। इन सबने वर्तमान में जारी प्रतियोगिता में भाग लेकर भविष्य के खिलाड़ियों के लिए खाका तैयार किया है, जिससे कि वे अपने-अपने पेशेवर करियर में आगे बढ़ने के संभावित मार्ग पर चल सके।
आरएफवाईएस सीजन 23/24 से प्रतियोगिता में महिला भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहा है। इसके तहत लड़कों और लड़कियों का समान नामांकन करना मुख्य उद्देश्य है और इसी मकसद को पूरा करने के लिए लड़कियों की अंडर-15 श्रेणी की शुरुआत की जा रही है। छेत्री इस पहल से खुश हैं और उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश में महिला फुटबॉल को बढ़ावा मिले और उन्हें हर स्तर पर अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के पर्याप्त अवसर मिलें।
छेत्री ने कहा, "यह बहुत अच्छी खबर है। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हमारे देश में लड़कियां वास्तव में प्रतिभाशाली हैं और उन्हें प्रदर्शन के लिए सही मंच दिया जाए।" आरएफवाईएस के कारण होनहार युवाओं की प्रतिभा का विस्तार हुआ है। यह कार्यक्रम पेशेवर क्लबों और अपने स्काउटिंग नेटवर्क के जरिये दूर-दराज क्षेत्रों में अनजान खिलाड़ियों की क्षमता की पहचान करना है। छेत्री ने इसे उभरती संभावनाओं की बेहतरी के लिए समन्वय में काम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा।
छेत्री ने कहा, "यह (खिलाड़ियों को) चुनने के लिए एक बड़ा पूल प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि क्लब और मूल निकाय समेत हर कोई एक साथ आए, ताकि हम अधिक से अधिक प्रतिभाओं को विकसित कर सकें और मिलकर काम कर सकें। इससे हमें खिलाड़ी चुनने के लिए बड़ा पूल मिलेगा और यह हमें भविष्य में सभी प्रतिभाओं को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए काफी गुंजाइश भी देगा।"