नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट से निपटने के लिए वायुसेना सिंगापुर और यूएई जैसे देशों से बड़े ऑक्सीजन कंटनेर एयरलिफ्ट करने जा रही है। वायुसेना ने इसके लिए अपने ट्रांसपोर्ट फ्लीट को ‘स्टैंडबाय’ पर रखा है। गृह मंत्रालय से आदेश मिलते ही इन कंटनेर्स को भारत लाया जाएगा।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश में ऑक्सीजन के अतिरिक्त टैंकर्स की आवाजाही के लिए सिंगापुर और यूएई जैसे देशों से उच्च-क्षमता वाले टैंकरों को वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स यानि मालवाहक विमानों से एयरलिफ्ट करने को लेकर ‘कोर्डिनेशन’ चल रहा है।
आपको बता दें कि कोविड के खिलाफ जंग में भारतीय वायुसेना ने देशभर में कमर कस रखी है। वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-130जे सुपरहरक्युलिस, आईएल-76, एएन-32 और एवरो जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स के साथ-साथ चिनूक और मी-17 जैसे हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर्स को मैदान में उतार दिया है।
शुक्रवार को वायुसेना के सी17 ग्लोबमास्टर विमान ने हैदराबाद के करीब बेगमपेट एयरबेस से 08 खाली क्रायोजैनिक कंटनर्स को फीलिंग के लिए भुवनेश्वर पहुंचाया। इसके अलावा एक सी17 ने क्रायोजैनिक कंटनेर को इंदौर से जामनगर पहुंचाया। वायुसेना के प्रवक्ता के मुताबिक, एक सी-130 एयरक्राफ्ट से एयरफोर्स की रैपिड एक्शन मेडिकल टीम को जोरहाट (असम) से एयरलिफ्ट कर हिंडन बेस पहुंचाया।
आपको बता दें कि ऑक्सीजन के भरे हुए सिलेंडर और कंटनेर्स को एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता है। क्योंकि आसमान में दवाब (प्रेशर) के चलते लिक्विड ऑक्सीजन के लीक होकर आग लगने का खतरा बना रहता है। इसलिए वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल खाली सिलेंडर और कंटनेर्स को ले जाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है, ताकि आवाजाही का समय कम हो सके।
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में डीआरडीओ के कोविड हॉस्पिटल की क्षमता बढ़ाने के लिए वायुसेना के मालवाहक विमान मुंबई, विशाखापट्टनम, कोच्चि और बैंगलुरू से डॉक्टर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर, कंटनेर और दवाई तक लेकर आए हैं। इसके अलावा बेंगलुरू से ऑक्सीजन कंटेनर्स को भी राजधानी दिल्ली के कोविड सेंटर्स के लिए लाए गए हैं।
गुरुवार को लद्दाख में कोविड सेंटर स्थापित करने के लिए वायुसेना ने पूरा कोविड सेटअप एयरलिफ्ट कर लेह पहुंचाया है। गुरुवार को ही वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर मालवाक विमानों ने दो खाली लिंडसे क्रायोजैनिक ऑक्सीजन कंटनेर्स को पश्चिम बंगाल के पानागढ़ पहुंचाया गया है। एक आईएल-76 एयरक्राफ्ट ने एक खाली आईनॉक्स कंटनेर (टैंकर) को भी पानागढ़ पहुंचाया है।
इस बीच खबर है कि रक्षा मंत्रालय ने आर्म्ड फोर्सेंज़ मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) के शॉर्ट सर्विस कमीशन के जो 238 डॉक्टर्स (सैन्य-अफसर) हाल ही में रिटायर होने जा रहे थे, उनकी सेवाएं इस साल दिसंबर तक बढा दी हैं, ताकि कोरोना के खिलाफ सेना के डॉक्टर्स की लड़ाई को मजबूती प्रदान की जा सके।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कोविड की परिस्थितियों की समीक्षा की और उसके बाद फैसला लिया गया कि एएफएमएस के डॉक्टर्स की मेडिकल उपकरण इत्यादि खरीदने की वित्तीय-शक्तियां बढ़ा दी हैं। अब एएफएमएस के डीजी यानि महानिदेशक (लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी) की फाइनेंसियल-पावर 5 करोड़ कर दी गई है। मेजर जनरल और ब्रिगेडियर रैंक के डॉक्टर्स (आफिसर्स) की पावर बढ़ाकर 3 करोड़ और 2 करोड़ कर दी गई है।