अयोध्या
अयोध्या में जल्द ही लोग रामलला के भव्य मंदिर में दर्शन पूजन कर सकेंगे. अगले वर्ष 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद श्रद्धालुओं का यहां अपने आराध्य के दिव्य दर्शन के लिए उमड़ना शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही यहां धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं, इनके पूरा होने के बाद अयोध्या की नई तस्वीर दुनिया के सामने होगी. इस बीच गैर हिंदी भाषी प्रांत और विदेशी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक अहम पहल की गई है. आमतौर पर हिंदी जानने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन और भ्रमण से संबंधित जानकारी आसानी से हासिल हो जाती है, जबकि अन्य भाषा बोलने वालों को काफी दिक्कतें होती हैं. ऐसे में उनकी सुविधा के लिए अब रामनगरी में भाषा मित्र मौजूद रहेंगे. इस तरह श्रीराम जन्म भूमि में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह और फिर उसके बाद यहां आने वाले देश के विभिन्न प्रदेशों की अलग-अलग बोली बोलने वाले भक्तों को भाषाई समस्या नहीं होने पाएगी. उन्हें यहां भाषा मित्रों का साथ मिलेगा.
स्थानीय बोली नहीं जानने पर होती है दिक्कत
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. आमतौर पर किसी भी पर्यटक स्थल या प्रसिद्ध धर्मस्थल पर जाने के बाद देश के विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालुओं को भाषाई समस्या से जूझना पड़ता है. वहां पहुंचने वाले श्रद्धालु की भाषा कोई और होती है, जबकि उस प्रदेश के लोग कोई और बोली बोलते हैं. ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पर्यटक या भक्त जहां गए हैं वह वहां की भाषा नहीं समझ पाते और स्थानीय लोग उनकी बोली से अनजान होते हैं. ऐसी स्थिति में अयोध्या राम मंदिर आने वाले भक्तों की इस समस्या से दूर करने के लिए भारत भारती नामक संस्था ने पहल की है.
भाषा मित्र बनेंगे मददगार
संस्था के प्रमुख पार्थ सारथी मिश्र ने बताया कि 22 जनवरी को राम लला के प्रतिष्ठा समारोह के बाद देश के विभिन्न प्रांतों से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाएगी. इसमें दक्षिण भारत के अन्य प्रांतों के भी भक्त शामिल होंगे. इन प्रांतों से आने वाले भक्तों को उनके राज्य की भाषा के अलावा कोई अन्य भाषा विशेषकर हिंदी नहीं आती. ऐसे भक्तों की मदद के लिए संस्था की ओर से अयोध्या प्रवास के दौरान भाषा मित्र उपलब्ध कराए जाएंगे.
प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश-विदेश के श्रद्धालुओं की उमड़ेगी भीड़
संस्था के अयोध्या प्रमुख अमित कुमार सिंह ने बताया कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी देश के विभिन्न प्रांतों से अतिथि आएंगे. संस्था इस समारोह में आने वाले अतिथियों को भी भाषा मित्र का सहयोग प्रदान करेगी. समारोह के बाद भी यह व्यवस्था प्रभावी रहेगी. उन्होंने बताया कि संस्था के भाषा मित्र विभिन्न प्रांत से आए लोगों के संपर्क में रहेंगे और यहां पर उन्हें किसी भी तरह की समस्या होने पर उनसे उनकी भाषा में बात कर तत्काल निराकरण कराएंगे. जल्द ही भाषा मित्र का हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा.
फरवरी 2024 के अंत तक चलाया जाएगा दर्शन अभियान
इस बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश-विदेश के भक्तों के लिए गणतंत्र दिवस से फरवरी अंत तक दर्शन अभियान चलाया जाएगा. सभी राज्यों के भक्तों को तिथिवार दर्शन कराने पर विचार हो रहा है. इसके लिए अलग-अलग तारीख पर प्रदेश के लोगों को दर्शन के लिए आमंत्रित किया जाएगा. वहीं विदेश में रहने वाले भारतीयों को भी तिथिवार दर्शन कराने की योजना बनाई जा रही है.
16 जनवरी से शुरू होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा. अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते आम श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक रहेगी. इस वजह से देश-विदेश के भक्तों को अलग अलग तिथियों में रामलला के दर्शन कराने की योजना पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट काम कर रहा है. विहिप के कार्यकर्ता हर राज्य के भक्तों से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. उनकी सुविधा के अनुसार तिथि तय की जाएगी. उदाहरण के तौर पर एक दिन राजस्थान, एक दिन गुजरात, एक दिन कर्नाटक से आने वाले श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराने जाएंगे.
विदेशों में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहल
इसके अलावा जिन देशों में विहिप काम कर रही है, वहां के भारतीय मूल के भक्तों को रामलला के दर्शन कराने की योजना पर भी काम हो रहा है. इन भक्तों को फरवरी के दूसरे सप्ताह से दर्शन कराने का अभियान शुरू होगा.
पांच लाख से अधिक मंदिरों में आयोजित होगा कार्यक्रम
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राणप्रतिष्ठा दिवस 22 जनवरी 2024 पर देश भर के पांच लाख से अधिक मंदिरों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रण के लिए 'पूजित अक्षत' 5 नवंबर को देश भर के 45 प्रांतों से अयोध्या धाम पधारे कार्यकर्ताओं को समर्पित किये जाएंगे. इस पूजित अक्षत को वे सभी कार्यकर्ता अपने प्रांतो में ले जाएंगे. इस अक्षत के माध्यम से देश के सभी शहर और ग्राम में जनमानस को उत्सव के लिए आमंत्रित किया जाएगा.