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पुरंदर मिश्रा रिक्शा चलाते हुए पहुंचे लोगों से मिलने

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रायपुर.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी प्रचार-प्रसार का नया-नया तरीका अपना रहे हैं। अपने अनोखे अंदाज से मतदाताओं को प्रभावित करने में लगे हैं। इसी कड़ी में रायपुर उत्तर से बीजेपी प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा ने भी नया तरीका अपनाकर लोगों को चकित कर दिया। वे रिक्शा चलाते हुए लोगों से मिलने पहुंचे। उनके इस नए अंदाज को लोग देखते ही रह गए।

रायपुर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप जुनेजा के स्कूटर से घूमने और प्रचार करने के अंदाज पर उनका ये जवाबी तरीका माना जा रहा है। जनता का मर्म टटोलने के सिलसिले में ही उन्होंने राजातालाब की गलियों में रिक्शा चलाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रिक्शा चलाने वाले भाइयों का स्नेह मुझे उनके बीच खींच लाया है। कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक कुलदीप जुनेजा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि स्कूटर में चलने की बात कहकर नेतागिरी करने वाले उत्तर विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक ने इस वार्ड की दुर्गति कर दी है। सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। इस वजह से रिक्शे से ही चला जा सकता है। मेरे उड़िया समाज के लोग ज्यादातर शहर में रिक्शा चलाकर ही अपना जीवन-यापन करते हैं। दावा करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद भी मैं विधानसभा क्षेत्र में रिक्शे से ही चलूंगा। रायपुर उत्तर विधानसभा के सभी मोहल्लों की गलियों और सड़कों को सुधारना मेरी प्राथमिकता रहेगी। रायपुर उत्तर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

कौन हैं पुरंदर मिश्रा?
पुरंदर मिश्रा लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहे हैं, लेकिन शहर के लोगों में जगन्नाथ रथयात्रा से उनकी पहचान बढ़ी है। पूर्व सीएम अजीत जोगी शासन काल के दौरान वे कांग्रेस से जुड़े रहे, लेकिन बाद में भाजपा में आ गए। इसके बाद से वे लगातार भाजपा में ही सक्रिय हैं। भाजपा के तीसरे कार्यकाल में क्रेडा के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा भाजपा संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। वे छत्तीसगढ़ सर्व उड़िया समाज के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

जातीय समीकरण
पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में ओडिशा मूल के लोगों की संख्या बढ़ी है। समाज का दावा है कि ओड़िया समाज के मतदाताओं की संख्या 15 लाख के आसपास है। वहीं कुल जनसंख्या 35 लाख के आसपास है। यहां 24 जातियां रहती हैं। इनमें ब्राह्मण, कोलता, सौंरा, गोंड़, महाकुल, गाड़ा, घासी घसिया, यादव, धोबी, केंवट, मेहेर समाज (भूलिया), तेली, सोनार, सोढ़ी, माली, नाई, खडिया, बिंझावर, खर्रा, कुम्हार, कंसारी, कोडा, भुइया और महांती शामिल हैं।सबसे ज्यादा ओड़िया समाज के लोग रायपुर जिले में रहते हैं। इसके बाद दुर्ग-भिलाई, महासमुंद, रायगढ़, गरियाबंद, जशपुर और  जगदलपुर में लोग हैं। सबसे कम संख्या बिलासपुर, अंबिकापुर और कोरिया में है। पुरंदर मिश्रा के जरिए भाजपा इन जिलों के वोटरों को साधना चाहती है। पिछले चुनाव में भाजपा ने एससी वर्ग के लिए आरक्षित सरायपाली सीट से श्याम तांडी के जरिए यह कोशिश की थी, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं रहा।