आगरा
जिले के जगनेर स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम में शुक्रवार देर रात दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले दोनों बहनों ने आश्रम के व्हाट्सएप ग्रुप में सुसाइड नोट भेजे थे. इसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए चार कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है. व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज देख परिजन तत्काल आश्रम पहुंचे, जहां एक कमरे में दोनों बहनों के शव मिले. कमरे से भी दो सुसाइड नोट मिले. सुसाइट नोट में गबन के साथ ही अनैतिक गतिविधियों को उजागर किया गया है. साथ ही सीएम योगी से गुहार लगाई गई है कि आरोपियों को आसाराम बापू की तरह सजा दिलाई जाए.
बता दें कि, जगनेर निवासी दो बहनें कई साल से ब्रह्माकुमारी आश्रम से जुड़ी थीं. आठ साल पहले उन्होंने माउंट आबू में दीक्षा ली थी. चार वर्ष पहले जगनेर में बसई रोड पर ब्रह्माकुमारी आश्रम की स्थापना के बाद दोनों वहां रहने लगीं. बहनों के भाई ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार रात 11.18 बजे उनके व्हाट्सएप पर रूपवास के ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहन ने सुसाइड नोट भेजा. इसमें बहनों द्वारा भेजे गए सुसाइड नोट की जानकारी दी. इस पर परिजन आश्रम पहुंचे. वहां दोनों बहनों के शव मिले.
सूचना पर दौड़े अधिकारी
ब्रह्माकुमारी आश्रम में दो सगी बहनों के सुसाइड की खबर मिलते ही डीसीपी सोनम कुमार, एसीपी महेश कुमार, थाना प्रभारी जगनेर भी मौके पर पहुंच गए. भाई ने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले आश्रम में दोनों बहनों से मिलकर गए थे तब सब कुछ सामान्य था. समझ नहीं आ रहा है, आखिर ऐसा क्यों किया. सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने छानबीन कर रही है.
सुसाइड नोट से खुलेगा बडा खेल
एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार ने बताया कि जगनेर कस्बा के ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहने वाले सगी बहनों ने आत्महत्या से पहले दो सुसाइड नोट लिखे. इससे आश्रम से जुड़े तीन लोगों और एक महिला पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. सुसाइड नोट में रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों की बात भी लिखी है. इससे चलते ही एक साल ने दोनों बहनें परेशान थीं. आरोप था कि सेंटर बनवाने के लिए उन्होंने पिता के दिए सात लाख रुपये और गरीब माताओं की 18 लाख रुपये की रकम जिस व्यक्ति को दी थी, वो हड़प गया है. यह भी आरोप लगा है कि आरोपी सेंटर बनवाने की अफवाह फैला रहे हैं. वे यज्ञ में बैठने लायक भी नहीं हैं. धन हड़पने और महिलाओं के साथ अनैतिक कार्य करके दबंगई भी करते हैं.
इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की
एक बहन ने अपने सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है. सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश किया है. उसने लिखा है कि नीरज ने सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था. सेंटर बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया. एक साल से हम बहनें रोती रहीं लेकिन उसने नहीं सुनी. उसका साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया.
आशाराम बापू की तरह इन्हें मिले सजा
पुलिस को कमरे से तीन पेज के और एक पेज के सुसाइट नोट मिले हैं. इसमें आत्महत्या करने के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला को जिम्मेदार बताया गया है. एक बहन ने एक पेज का सुसाइड नोट लिखा है जबकि, दूसरी बहन ने तीन पेज का सुसाइड नोट लिखा है.
आसाराम बापू की तरह सजा दिलवाएं
एक बहन ने सीएम योगी के नाम सुसाइड नोट लिखा है. इसमें सीएम योगी से आरोपियों को आशाराम बापू की तरह आजीवन कारावास कराने की मांग की है. आरोप लगाया है कि इन लोगों ने बहुतों के साथ गलत किया है जिस किसी से पैसे लाते हैं, उसी पर केस कर देते हैं. सुसाइड नोट में एक बहन ने यह भी लिखा है कि यह लेटर मुन्नी बहन जी और मृत्युंजय भाई साहब के पास पहुंच जाए.