मणिनगर
देश की नई संसद में सेंगोल की स्थापना के बाद अब इसकी एक रेप्लिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र रहे मणिनगर में स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहला चुनाव राजकोट से जीते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अहमदाबाद में आने वाली मणिनगर विधानसभा क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बना लिया था। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व में निर्वाचन क्षेत्र रहे मणिनगर के नवकार सर्कल पर सेंगोल की एक रेप्लिका स्थापित करने का फैसला लिया है। इस सेंगोल की कुल ऊंचाई 12 फीट होगी। यह पत्थर का बना होगा। तमिल शब्द सेम्मई से निकले सेंगोल का अर्थ राजदंड से है। जो निष्पक्ष शासन सुनिश्चित करता है। सेंगोल शब्द का अर्थ है न्याय। अहमदाबाद में पहले से ही डमरू (पावर ड्रम), गदा (गदा) और त्रिशूल (त्रिशूल) जैसे धार्मिक प्रतीकों से सजे हुए चौराहे हैं। सेंगोल शहर में इस तरह का चौथा इंस्टालेशन बनकर उभरेगा।
स्टैडिंग कमेटी ने लगाई मुहर
अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की स्थायी समिति ने 9 नवंबर को को 12 फीट ऊंचे इस सेंगोल को स्थापित करने की मंजूरी दी। मूर्तिकार विपुल रावल 8.3 लाख रुपये में धौलपुर के पत्थर से सेंगोल की रेप्लिका को तैयार करेंगे। मणिनगर विधायक अमूल भट्ट ने नगर निगम की स्वीकृति पर कहा कि पीएम मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री के रूप में 2002, 2007 और 2012 में मणिनगर से विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। वे लगातार जीते। उन्होंने हैट्रिक लगाई। वे अब देश की अगुवाई कर रहे हैं।2014 में पीएम बनने से पहले नवकार सर्कल एक विधायक के रूप में उनकी आखिरी सार्वजनिक बैठक का स्थल था। इसलिए वहीं पर हमने सेंगोल की प्रतिकृति को स्थापित करने का फैसला किया है। यह उनके निष्पक्ष शासन के साथ उनकी राजनीतिक यात्रा को बताएगा। सेंगाेल अगले तीन से चार महीने में सर्कल पर स्थापित हो जाएगा।
सर्वसम्मति से हुआ फैसला
अहमदाबाद नगर निगम की बैठक में सेंगोल की रेप्लिका स्थापित करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। इसके निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि को स्थानीय विधायक अमूल भट्ट की विधायक निधि के अनुदान और पार्षदों से मिली राशि से तैयार किया जाएगा। सेंगोल की स्थापना के लिए पार्षद जिगिशा सोलंकी, कमलेश पटेल और शिवानी जनाइकर ने फंड देने की स्वीकृति दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 के पहले तक मणिनगर विधानसभा का प्रतिनिधितत्व करते रहे। जब वे प्रधानमंत्री बने तो इस सीट पर उप चुनाव हुआ और फिर यहां से सुरेशभाई पटेल चुने गए। इसके बाद अगले चुनाव में में फिर पटेल विधानसभा पहुंचे। 2022 के चुनाव में पार्टी ने अमूल भट्ट को टिकट दिया।