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बागियों के कारण 52 सीटें फंसीं, पूर्व मंत्री-स्पीकर पार्टी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे

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भीलवाड़ा.

जस्थान में पिछले पांच साल से कांग्रेस में गहलोत और पायलट गुट के बीच संघर्ष चल रहा है, जबकि भाजपा में केंद्रीय नेतृत्व और वसुंधरा के बीच टकराव नहीं थम रहा है। अब टिकट कटने और न मिलने पर दावेदारों ने अपनी पार्टी से बगावत करके ताल ठोंक दी है। राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 52 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बागी चुनाव मैदान में हैं। अब बृहस्पतिवार के बाद ही पता चलेगा कि कितने प्रत्याशी अपना पर्चा वापस ले रहे हैं। ज्यादातर बागी दोनों ही पार्टियों में बड़े नेताओं के बेहद करीबी है। इनमें से कई ऐसे नेता है, जो बाजी पलट तो नहीं पाएंगे, लेकिन अपनी पार्टी प्रत्याशी का सियासी खेल जरूर बिगाड़ देंगे।
भाजपा के बागी चेहरे
शाहपुरा-भीलवाड़ा से कैलाश मेघवाल विधायक और पूर्व स्पीकर, झोटवाड़ा से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, चित्तौड़गढ़ से वर्तमान विधायक चंद्रभान सिंह, लाडपुरा से पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत, खंडेला से पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया, बाड़मेर से पूर्व विधायक गंगाराम की पोती हैं प्रियंका चौधरी, सूरतगढ़ से पूर्व राजेंद्र भांदू, डीडवाना से पूर्व मंत्री यूनुस खान, अजमेर उत्तर से नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत, कामां से पूर्व मंत्री मदन मोहन सिंगला, बयाना से जिला अध्यक्ष की पत्नी डॉक्टर रितु बनावत,  झुंझुनू से पूर्व प्रत्याशी जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र,  पिलानी से पूर्व प्रत्याशी व पूर्व विधायक के बेटे कैलाश मेघवाल, सीकर से उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल, फतेहपुर से पालिका अध्यक्ष मधुसूदन भिंडा, कोटपूतली से मुकेश, बांसवाड़ा से हकरू मईडा पूर्व प्रत्याशी, बस्सी से जितेंद्र मीणा पूर्व दर्जाधारी मंत्री,  आसींद से पूर्व पालिका अध्यक्ष धनराज गुर्जर, गंगापुर सिटी से छोटे लाल सैनी, माली समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, लक्ष्मणगढ़ से महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अल्का शर्मा, बागीदौरा से एसटी मोर्चा के पूर्व महामंत्री खेमराज गरासिया और गढ़ी से लक्ष्मण डिंडोर, पूर्व प्रधान, डग विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रामचंद्र सुनारीवाल, सांचौर में पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी।
कांग्रेस से बगावत करने वाले
सरदारशहर से नगर परिषद के मौजूदा सभापति राजकरण चौधरी, मसूदा से पूर्व विधायक ब्रह्म देव कुमावत, हिंडौन सिटी से नगर परिषद सभापति पूर्व विधायक के बेटे बृजेश जाटव, बांदीकुई से पूर्व जिला प्रमुख विनोद शर्मा, मनोहर थाना से पूर्व विधायक कैलाश मीणा, बड़ी सादड़ी से पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी, पीपल्दा से देहात जिला अध्यक्ष सरोज मीणा, छबड़ा से नरेश मीणा आरयू के पूर्व अध्यक्ष, कामां से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता खुर्शीद अहमद, डूंगरपुर से प्रधान बिछीवाड़ा देवता राम रोत, लूणकरणसर से पूर्व गृहराज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल,  नागौर से पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान, चौरासी से पीसीसी महासचिव महेंद्र बरजोड़,खींसवर से पूर्व प्रत्याशी रहे दुर्ग सिंह चौहान, अजमेर दक्षिण से पीसीसी सदस्य हेमंत भाटी,  पुष्कर से पूर्व विधायक  श्रीगोपाल, केकड़ी से पूर्व विधायक बाबूलाल सिंघारिया, गंगापुर सिटी से  रेलवे में अधिकारी रहे रघुवीर सिंह, नगर से तीन बार के जिला अध्यक्ष डॉक्टर गोविंद शर्मा, शाहपुरा से वर्तमान विधायक आलोक बेनीवाल, सूरसागर से पूर्व मेयर रामेश्वर दाधीच, सिवाना से राजसीको के पूर्व अध्यक्ष सुनील परिहार, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से मौजूदा विधायक जोहरी लाल मीणा, फलौदी से सरपंच कुंभ सिंह पालावत और  सागवाड़ा से सरपंच संघ जिला संरक्षक पन्नालाल डोडियार।
टिकट बंटवारे में उपेक्षित वसुंधरा समर्थक बगावत की राह पर
दो दशक में पहली बार न तो वसुंधरा को सीएम चेहरा घोषित किया गया और न ही टिकट बंटवारे में वसुंधरा की पूरी तरह चली। राजे के बेहद करीबियों के टिकट पर पार्टी ने पूरी तरह कैंची चला दी है। वसुंधरा के बेहद खास माने जाने वाले पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का जयपुर की झोटवाड़ा से पहली लिस्ट में ही टिकट कट गया। अब वह भाजपा प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ चुनावी मैदान में है। टिकट न मिलने पर पूर्व मंत्री युनूस खान भी डीडवाना से निर्दलीय मैदान में है। वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया बगावत करके खंडेला से मैदान में है।
भीलवाड़ा के शाहपुरा से विधायक कैलाश मेघवाल को पहले ही पार्टी से बाहर कर दिया गया था। 89 साल मेघवाल वसुंधरा के पक्ष में खुलकर बोलने के लिए जाने जाते हैं और मैदान में हैं। लाडपुरा से पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत बागी प्रत्याशी है। जयपुर के आदर्श नगर सीट से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी,  सिविल लाइंस से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को टिकट नहीं मिला। राजे की ही करीबी और सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी का भी पहली लिस्ट में ही टिकट कट गया था। चित्तौड़गढ़ से बागी प्रत्याशी वर्तमान विधायक चंद्रभान सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के बीच पुरानी अदावत है। चंद्रभान ने आरोप लगाया था कि जोशी ने उनका टिकट कटवा दिया।