नई दिल्ली
हाल ही में हेरॉन मार्क-2 ड्रोन भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। अब इसके बाद एक और ड्रोन भारतीय सेना में शामिल होने जा रहा है।हेरॉन मार्क-2 ड्रोन के बाद हर्मीस-900 ड्रोन भारतीय सेना से शामिल होने वाला है। इस ड्रोन के शामिल होने से भारतीय सेना को और मजबूती मिलेगी।
भारतीय सेना की निगरानी क्षमता को और मिलेगा बढ़ावा
सेना के सूत्रों ने कहा कि हेरॉन मार्क-2 ड्रोन को शामिल करने और हर्मीस 900 स्टारलाइनर ड्रोन को शामिल करने की योजना से भारतीय सेना की निगरानी क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह सेना के लिए गेम चेंजर साबित होगी।
भारतीय सेना का हिस्सा बना है हेरॉन मार्क-2 ड्रोन
बता दें कि भारतीय सेना ने हाल ही में हेरॉन मार्क-2 ड्रोन को शामिल किया है, जो स्ट्राइक क्षमताओं से लैस हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि आर्मी एविएशन में महिला अधिकारियों की भूमिका लगातार बढ़ रही है।
आर्मी एविएशन में पायलट के रूप में सेवारत हैं दो महिला अधिकारी
उन्होंने कहा कि महिला अधिकारियों को पहली बार मई 2009 में आर्मी एविएशन के एयर ट्रैफिक कंट्रोल स्ट्रीम में शामिल किया गया था। इसके बाद महिला अधिकारियों को आर्मी एविएशन इकाइयों में इंजीनियरिंग अधिकारियों के रूप में तैनात किया गया था। वर्तमान में दो महिला अधिकारी पहले से ही आर्मी एविएशन में पायलट के रूप में सेवारत हैं और तीन प्रशिक्षण ले रही हैं।
भारत के अलावा ये ड्रोन चिली, कनाडा, अजरबैजान, मैक्सिको, ब्राजील, कोलंबिया, फिलीपींस और स्विटजरलैंड के पास भी हैं।
इसके अलावा, आर्मी एविएशन कोर चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर नई एविएशन ब्रिगेड भी तैनात करने वाली है। फिलहाल 3 ब्रिगेड सीमा पर ऑपरेशन में हैं। एक ब्रिगेड में 50-60 हेलिकॉप्टर्स हैं। इनका काम मेडिकल इवेक्यूएशन, आर्टिलरी-रसद पहुंचाना और हमला करना है।
हैदराबाद में अडाणी एयरोस्पेस बना रहा हर्मीज-900
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद में अडाणी एयरोस्पेस ने रक्षा विभाग और इजराइल के एल्बिट सिस्टम के साथ पार्टनरशिप की है। यह तीनों मिलकर हर्मीस 900 और 450 के एयर फ्रेम बना चुके हैं। एक सूत्र ने बताया कि पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात ड्रोन की डिलीवरी पर असर नहीं डाल सकते हैं क्योंकि हर्मीस-900 का एयरफ्रेम पहले से बनकर तैयार है। कुछ उपकरण जो इजराइल से आने थे, वे भी आ चुके हैं। ऐसे में अब इनका असेंबल होना ही बाकी रह गया है।
चीता और चेतक का बेड़ा भी बदलेगी आर्मी एविएशन कोर
आर्मी एविएशन कोर (AAC) को उम्मीद है कि वह अगले साल से अपनी क्षमता की कमी को दूर करना शुरू कर देगी। इसी कड़ी में 2024 से स्टारलाइनर ड्रोन को शामिल करने के अलावा चीता और चेतक के पुराने बेड़े को बदलना भी शामिल है। इसके लिए लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (LUH) को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एविएशन कोर के पास 250 चीता और चेतक हेलिकॉप्टर हैं। AAC इनमें से 190 का ऑपरेशन कर रही है। उनके बेड़े का 70% हिस्सा 30 साल पुराना हो गया है, जिससे तुरंत बदलने की जरूरत है। हालांकि यही दो ऐसे हेलिकॉप्टर्स हैं, जिनमें दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में काम करने की क्षमता है। सूत्रों का कहना है कि पूरे बेड़े को बदलने में 10 से 12 साल का समय लग सकता है।
एविएशन ब्रिगेड मिलिट्री यूनिट्स हैं जो मिलिट्री हेलिकॉप्टरों की तैनाती करती हैं। AAC के अधिकारी ने कहा है कि एविएशन ऑपरेशन के लिए फ्लाइट्स सेफ्टी सबसे बड़ी चिंता है। क्योंकि यह पेशा मौसम की अनिश्चितता और मानवीय भूलों के चलते संवेदनशील बना हुआ है।
अधिकारी के मुताबिक पहला लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन तैनात और ऑपरेशन में लाया गया है। अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर के लिए पायलट्स और टेक्नीशियन की ट्रेनिंग पूरी हो गई है।