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अयोध्या में इस बार 24 लाख दीयों से जगमग होगी राम नगरी, 51 घाटों पर दीपोत्सव से बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

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अयोध्या

अयोध्या में दीपोत्सव पर इतिहास रचने की तैयारी है। दीपोत्सव को देखते हुए रामजन्मभूमि परिसर को सजाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव को भव्य बनाने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

इसकी शुरुआत श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने भगवान गणेश के के रेखाचित्र में रंग भर कर की। उन्होंने कूची से पेंटिंग की। परिसर को भव्य व दिव्य रूप से सजाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी अवध विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी आशीष कुमार मिश्र को सौंपी गई। रामनगरी में सात देशों की रामलीला का भी आयोजन हो रहा है। पिछले सालों की तुलना में इस बार भी योगी सरकार नया रिकार्ड बनाने की तैयारी में है।

गत वर्षों में भी यह जिम्मेदारी आशीष ही निभाते आये हैं। आशीष ने बताया कि गर्भगृह में भारतीय लोक कला, अवधी लोककला, बिहार की मधुबनी, राजस्थान की लघुचित्र कला शैली की पेंटिंग होगी। बताया कि डा. राधिका देवी, डा. हेमलता शुक्ला के नेतृत्व में यह कार्य होगा, जिसमें माही, प्रिया, चंदन, मानसी, माही मौर्या, प्रिया गुप्ता, अक्षिता सिंह सहयोगी होंगी।

दीपोत्सव में शामिल होंगे कई देशों के राजदूतः 23 सितंबर को अयोध्या दौरे के दौरान प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने जानकारी दी थी कि कोविड के चलते दीपोत्सव में भीड़ की अनुमति नहीं दी गई थी। इस बार भीड़ ज्यादा होगी। कोरिया सहित कई देशों के राजदूत भी रामनगरी आएंगे। इसलिए भीड़ नियंत्रण का बेहतर प्लान बनाने का निर्देश दिया गया। दीपोत्सव में लेजर शो, रामलीला, आतिशबाजी सहित अन्य आयोजन आकर्षण का केंद्र होंगे। ड्रोन शो को लेकर भी तैयारियां अंतिम चरण में है। विभिन्न देशों के राजदूत, सांस्कृतिक व साहित्यिक क्षेत्र के विशिष्ट लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है।

21 प्रमुख मंदिर 4.50 लाख दीयों से होंगे रोशनः पर्यटन विभाग के मुताबिक, दीपोत्सव पर 14 लाख से ज्यादा दीये राम की पैड़ी में जलाए जाएंगे जबकि अयोध्या के प्रमुख 21 मंदिरों में 4.50 लाख दीये जलाए जाएंगे। ये दीये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राम जन्म भूमि पर 51 हजार, हनुमान गढ़ी पर 21 हजार दीये जलाए जाएंगे।

इसी तरह कनक भवन, गुप्तार घाट, दशरथ समाधि, राम जानकी मंदिर साहबगंज, देवकाली मंदिर, भरत कुंड (नंदी ग्राम) समेत प्रमुख मंदिरों में 21 हजार दीये जलाए जाएंगे। वहीं पूरे अयोध्या को रोशन करने के लिए सामाजिक संगठनों को भी दीये वितरित किए जाएंगे। उप निदेशक ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राम लीला होगी, जिसमें कई देशों के कलाकार भाग लेंगे। इसके साथ ही आतिशबाजी और लेजर शो भी होगा।

दीपोत्सव क्यों मनाया जाता है

दीपोत्सव सदियों पहले श्री राम की लंका पर विजय की याद में मनाया जाता है. दीपोत्सव का हर संस्करण भव्यता की मिसाल रहा है. सातवें संस्करण तक यह महोत्सव भव्यता के अनेक कीर्तिमानों के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत हो रहा है. रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के साथ पूरी रामनगरी को दिव्यता प्रदान करने का अभियान चल रहा है.

24 लाख दीयों से बनेगा विश्व रिकॉर्ड

अयोध्या के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिवाली पर 24 लाख दीप जलाकर अयोध्या के घाटों को रोशन करने की तैयारी शुरू कर दी है, विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों ने कहा कि 'अयोध्या दीपोत्सव' को ऐतिहासिक बनाने के लिए राम की पैड़ी और चौधरी दीप जलाए जाएंगे चरण सिंह के 51 घाटों पर जलाई गई. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 लाख दीपक जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा है.

2017 में हुई शुरुआत

2017 में प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटी दिवाली के दिन मेगा इवेंट के तौर पर दीपोत्सव की शुरुआत की थी. पहले संस्करण में ही रामकी पैड़ी पर रिकॉर्ड 1 लाख 87 हजार दीपक जलाए गए थे. पुष्पक विमान के प्रतीक हेलीकाप्टर से राम, सीता और लक्ष्मण के स्वरूप सरयू तट पर उतरे. योगी ने सरयू तट पर स्थित मुक्ताकाशीय रंगमंच रामकथापार्क में भगवान राम के स्वरूप पर तिलक लगाया.

पहली बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल

इसके बाद प्रत्येक संस्करण के साथ दीपोत्सव की यह परंपरा स्वर्णिम शिखर की ओर उन्मुख होती है. दूसरे संस्करण ने उत्सव की परंपरा के शिखर को चिह्नित किया. पहले के कार्यक्रमों को पूरी गरिमा के साथ निभाने से दीप जलाने की संख्या तीन लाख 11 हजार तक पहुंच गई और सर्वाधिक दीप जलाने के मामले में रामनगरी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया था.