बिलासपुर संभाग/ सोशल मीडिया फेसबुक में सुबह सबेरे बिलासपुर के युवक की पोस्ट देखकर पूरे जिलेवासियों का दिल दहल गया, यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हैं, जितेंद्र दुबे नामक एक व्यक्ति ने अपने फेसबुक पर अपनी आपबीती लिखते हुए अपनी दर्द बयाँ की है। सिम्स से सम्बंधित होने के बाद भी उनकी माता के इलाज के लिए वेंटिलेटर नही मिला, उनकी पोस्ट में लिखा है कि ये उपकरण (वेंटिलेटर) शहर विधायक और सिम्स के डीन ने बैक डोर से आरक्षित करवा रखे है, जिससे इलाज के अभाव में उनकी माता नही रही। यह बात सर्वविदित है कि जनता इलाज के अभाव में मर रही हैं और आप सभी जानते ही होंगे बिलासपुर में सबसे ज्यादा मौतों के मामले सिम्स में ही हो रहे है। जानकारी के अनुसार लाशों को बदल देंने के मामले दो बार हो चुके है।
सिम्स में नेताओं की दखल से जनता को मिलने वाली सुविधाये केवल दिखावटी मात्र हैं, क्योंकि कुछ दिन पहले शहर विधायक शैलेष पांडेय ने सिम्स निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने की बात कही थी, परंतु बिलासपुर विधायक को जनता शुरू से फोटोबाज, निष्क्रिय और विवादित विधायक की ही संज्ञा दी हैं और लगता हैं यह बात सच भी साबित हो रही हैं। जितेंद दुबे की माता के निधन मामले में प्रशासन को तुरंत स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। शहर विधायक और जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध मामला दर्ज किया जाना चाहिए ताकि कोई नेता या अधिकारी जन संसाधनों पर अपना कब्जा करने की कोशिश ना कर सके।
सिम्स में वेंटीलेटर के अभाव में हुई ऐसे सभी हालिया मामलों की तत्काल न्यायिक जांच हो और खुलासा हो । मामलों में अपराध दर्ज किया जाए।
महामारी के वक्त आज सभी लोग एक दूसरे की मदद के लिए कार्य कर रहे है ऐसे में यह अत्यंत घृणास्पद कार्य है। शहर के विधायक अधिकारियों पर दबाव डालकर सिम्स में वेंटिलेटर का आरक्षण करते है, वेंटिलेटर खाली होने के बावजूद मरीजों को उपलब्ध न कराया जाए और लोगो का जीवन चला जाय, ऐसे जनप्रतिनिधियों को तत्काल पद से हटा दिया जाना चाहिए और जनता जनार्दन से संबंधित किसी भी तंत्र में ऐसे व्यक्ति के एंट्री बंद कर देनी चाहिए। ऐसे लोग राजनीति के नाम पर केवल अपनी फोटो छपवाने के लिए और व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए लोगों को लूटने और नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे। आपको बता दे कि बिलासपुर के विधायक के ऊपर देश में फर्जी डिग्रियों के कारोबार का मास्टरमाइंड होने के कई आरोप लगते रहे है जिसके कारण उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज है। देश की युवा पीढ़ी के भविष्य को उसने बर्बाद किया आज सीधे मौत का सौदागर बन गया है।
जितेंद्र दुबे के साहस को सभी सलाम कर रहे है ,जिन्होंने दुःख की पहाड़ जैसी घड़ी में जनता के सामने अपनी बेबाक राय रखते हुए आपबीती का खुलासा किया है।
प्रशासन को चाहिए मौत के सौदागर विधायक का खुलासा करने वाले पीड़ित को सुरक्षा मुहैया कराए, ताकि मां खो देने के बाद बेटे और परिवार को कोई नुकसान न पहुँचा सके। जैसा अक्सर होता है मामले में लीपापोती कर दी जाती है लेकिन आज एक बेटे ने अपनी माँ की ईलाजरत तस्वीर के साथ खाली पड़े वेंटिलेटर पर सिम्स के असलियत और विधायक की करतूतों का खुलासा करते हुए अपनी माँ की मौत के लिए सीधे तौर शहर विधायक शैलेश पांडेय एवं सिम्स के अधिष्ठाता को न सिर्फ जिम्मेवार बताया है बल्कि उन्हें आभार किया है।आप समझ सकते है किसी औलाद ने कितने पहाड़ो को अपने सीने में रखकर अपनी माँ को ऐसी श्रद्धांजलि दी है। यह बेहद दर्दनाक है।
इस मामले में राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री मामले में तुरंत कार्यवाही करें, ताकि मौत के सौदागरी की वीआईपीगिरी से संभाग के सबसे सबसे बड़े अस्पताल में रोज हो रही ऐसी मौतों का दर्दनाक सिलसिला रुक सके और पीड़ित परिजनों न्याय मिल सके। विधायक शैलेश पांडेय पर शुरू से फर्जी डिग्रियों की दलाली एवं बेचने के आरोप लगते आये हैं, उनके ऊपर इसी संबंध में FIR भी दर्ज हो चुका हैं।
आपको बता दे कि बिलासपुर के विवादित विधायक के खिलाफ बिलासपुर जिले के कोटा थाने में मोटी रकम लेकर फर्जी डिग्रियां बांटने के संबंध में अपराध क्रमांक 247/2018 धारा 13(1)(सी),15(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हैं, जिस पर बिलासपुर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार अग्रिम कार्यवाही पर रोक लगाए जाने से विवेचना लंबित हैं। उक्त जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की गई हैं, पीड़ित छात्रों और प्रभावितों ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट और शिक्षा माफिया पर जल्द ही बड़ी कार्यवाही होगी क्योंकि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा हैं, भगवान के घर देर हैं अंधेर नहीं….।