मुंबई
बीते दिन रश्मिता मंदाना का एक डीप फेक वीडियो वायरल हुआ था। उस पर एक्ट्रेस ने रिएक्ट किया था। अमिताभ बच्चन ने भी लीगल एक्शन लेने की बात कही थी। अब केंद्र की तरफ से सोशल मीडिया को एक रिमाइंडर भेजा गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें डीप फेक को लेकर कानूनी प्रावधानों का जिक्र किया गया है। बताया गया है कि उसको बनाने और उसको सर्कुलेट करने के लिए सजा हो सकती है। कितनी? आइए बताते हैं।
सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी का हवाला दिया है। इसके मुताबिक, जो कोई भी किसी कंप्यूटर का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करता है, उसे सजा दी जाएगी। जिसमें 3 साल जेल की सजा है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना का भी प्रावधान है। ऐसे में किसी की तस्वीर या वीडियो के साथ छेड़छाड़ करना अब भारी पड़ सकता है।
रश्मिका मंदाना का आया था वीडियो
सरकार की यह एडवाइजरी उस वायरल वीडियो के बाद आई है, जिसमें रश्मिका मंदाना को एक लिफ्ट में एंटर करते हुए दिखाया गया था। क्लिप के ट्रेंड होने के तुरंत बाद, यह पाया गया कि यह वास्तव में ब्रिटिश-भारतीय जारा पटेल का वीडियो था। डीप फेक तकनीक का उपयोग करके इमेज के साथ छेड़छाड़ की गई और उसके बाद आया रिजल्ट बेहद चौंकाने वाला था। इसमें जारा के चेहरे पर एक्ट्रेस का फेस लगा दिया गया था।
क्या होता है डीप फेक वीडियो?
डीप फेक वीडियो वो होता है, जिसमें असल इंसान की शक्ल पर दूसरे इंसान का चेहरा लगा दिया जाता है। लोग इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से करते हैं। फोटो और वीडियो के साथ इस तरह से छेड़छाड़ की जाती है कि मालूम ही नहीं लग पाता कि ये असली है या नकली। आजकल सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएटर्स इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।