नई दिल्ली। रेल, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, पीयूष गोयल ने स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना की शुरूआत की गई। इस फंड का उद्देश्य स्टार्टअप्स की अवधारणा, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षणों, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के प्रमाणीकरण को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी, 2021 को स्टार्टअप इंडिया पहल के 5 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य को चिह्नित करने के लिए किए आयोजित हुए प्रारंभ: स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट
के भव्य संबोधन में की गई थी। पूरे भारतवर्ष में पात्र इनक्यूबेटरों के माध्यम से पात्र स्टार्टअप्स को बीज का वित्तपोषण प्रदान करने के लिए 945 करोड़ की राशि का विभाजन अगले 4 वर्षों में किया जाएगा। इस योजना में 300 इनक्यूबेटर के माध्यम से अनुमानित रूप से 3,600 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करने की संभावना है। इस अवसर पर, श्री गोयल ने कहा कि इस योजना की शुरूआत इसकी घोषणा के 3 महीने के भीतर ही जा रही है, जो हाल के समय में सबसे तीव्र गति से शुरू की गई योजना है। उन्होंने कहा कि समय बहुत कठिन है लेकिन हमारा संकल्प भी बहुत मजबूत है और हमने इससे पहले कभी भी अपने स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की दिशा में इतना ज्यादा महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि यह एसआईएसएफएस योजना, बीज वित्तपोषण, नवाचार प्रोत्साहन, परिवर्तनकारी विचारों का समर्थन, कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने और स्टार्टअप क्रांति की शुरूआत करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से, विशेष रूप से, भारत के द्वि-स्तरीय और त्रि-स्तरीय शहरों में एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा, जो शहर प्रायः आवश्यक धन से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के इनोवेटर्स को आगे आने और इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।