भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी समर में अब तक मुख्य विरोधी दल कांग्रेस और उसके नेताओं पर ही हमलावर थे. अब मुख्यमंत्री के हमलों की दिशा विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की ओर ही मुड़ गई है. दरअसल राष्ट्रीय पटल पर इंडिया गठबंधन की डोर से बंधे कई राजनीतिक दल मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव में अलग-अलग उतरकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और जनता दल यूनाइटेड, यूं तो राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के सहयोगी दल हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के चुनावों में इन दलों ने अपने उम्मीदवारों को भी उतार दिया है. कई सीटों पर ये उम्मीदवार कांग्रेस के प्रत्याशियों के खिलाफ उतारे गए हैं और जो कहीं न कहीं उन्हें ही नुकसान पहुंचाने वाले हैं.
दिल्ली में इनकी दोस्ती… राज्यों में कुश्ती
ऐसे में अब शिवराज सिंह चौहान ने इनको आड़े हाथों लिया है. साथ ही साथ शिवराज ने विरोध की इस आंच को हवा देते हुए तेज करने की कोशिश की है, जिसकी लपटें इंडिया गठबंधन को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि समाजवादी पार्टी भी है, आम आदमी पार्टी भी है… दिल्ली में इनकी दोस्ती है और राज्यों में इनके बीच कुश्ती चल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज ने हमला जारी रखते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने कहा है कि वो कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते हैं. इस बयान का जिक्र करते हुए शिवराज ने कहा कि इंडिया गठबंधन वाले ही एक दूसरे से लड़ रहे हैं.
पांच राज्यों का चुनाव और गठबंधन की परीक्षा
दरअसल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के पहले तमाम विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विजयी रथ को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन तले एक होने लगे थे. इन दलों का मुख्य उद्देश्य तो लोकसभा चुनाव ही था, लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का मुश्किल समय ही लोकसभा में टिके रहने की इसकी संभावनाओं का असली परीक्षण माना जा रहा था. हालांकि गठबंधन में शामिल दलों ने पांच इस मुश्किल समय से निपटने का फॉर्मूला अपनाते हुए नीति अपनाई कि लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय पटल पर ये दल गठबंधन नियम का पालन करेंगे और राज्यों में राज्य का नेतृत्व ही गठबंधन में आने या न आने पर फैसला लेगा. इस फैसले के पीछे मध्य प्रदेश का चुनाव प्रमुख था.
कांग्रेस बनी दलदल, जिसमें धंस गया गठबंधन
इंडिया गठबंधन पर हमले के अलावा शिवराज सिंह ने कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता कमलनाथ पर हमला जारी रखा. उन्होंने इसबार अखिलेश के बयान के हवाले से कमलनाथ पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'कमलनाथ जी की उम्र पर ही संदेह है. उन्होंने राहुल गांधी को अपनी उम्र 73 बताई है और अखिलेश यादव उन्हें 80 साल का बता रहे हैं. कांग्रेस ऐसा दलदल क्यों बन गई, जिसमें गठबंधन ही धंस गया. प्रियंका गांधी जब आती हैं तो झूठ की दुकान खोल देती हैं. मध्य प्रदेश को बदनाम करती हैं. आपकी पार्टी कपड़ा फाड़ पार्टी हो गई है. कमलनाथ कहते हैं दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ो तो कभी दिग्विजय सिंह कहते हैं कि कमलनाथ के कपड़े फाड़ो.'