Home मध्यप्रदेश प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते बढ़ी बेरोजगार युवाओं की पूछ-परख

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते बढ़ी बेरोजगार युवाओं की पूछ-परख

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भोपाल

प्रदेश के बेरोजगार युवा रोजगार के लिए भले ही संघर्ष कर रहे हो, लेकिन चुनावी मौसम में इन दिनों राजनीतिक पार्टियां बेरोजगार युवाओं का खूब ध्यान रख रही है। कांग्रेस – भाजपा, आप, सपा , बसपा सहित अन्य पार्टियां बेरोजगार युवाओं को नियमित मोबाइल पर रोजगार देने और बेहतर शिक्षा देने का संदेश भेजकर युवाओें के मन में उम्मीद का नया चिराग जला रही है।

राजनीतिक पार्टियां इस बात को बेहतर से जानती है कि चुनावी गणित बनाने और बिगाड़ने में बेरोजगार युवा बड़ी भूमिका निभाएंगे। इसके चलते राजनीतिक पार्टियां बेरोजगार युवाओं को अपनी विचारधारा से जोड़ने के लिए जमीनी प्रयास लगातार कर रही है।  यूथ कांग्रेस जहां युवा मतदाताओं को साधने के लिए प्रतिदिन युवाओं को वाट्सअप और मोबाइल पर रोजगार देने और प्रदेश में बेहतर शिक्षा का वातावरण बनाने को लेकर संदेश भेज रहा है।  वहीं भाजपा का युवा मोर्चा प्रदेश के युवाओं को  बेहतर रोजगार और शिक्षा संबधित प्रदेश में लंबे समय से चल रही योजनाओं का संदेश  युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए भेज रहा है। आप आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में रोजगार और शिक्षा संबंधी चल रही योजनाओं का संदेश बनाकर युवाओं को अपनी तरफ जोड़ने में लगा हुआ है। सपा और बसपा यूपी में रोजगार और शिक्षा के लिए किए गये अपने कामों का संदेश बनाकर युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए युवाओं के  बीच साझा कर रही है।

बेरोजगार युवाओं पर फोकस
रोजगार कार्यालय की माने तो प्रदेश में इन दिनों 40 लाख युवा बेरोजगार  है। लेकिन यूथ कांग्रेस की माने तो प्रदेश में 70 लाख के करीब लोग बेरोजगार है। बेरोजगारों को कांग्रेस की विचारधा से जोड़ने के लिए यूथ कांग्रेस ने  रोजगार के खोज नाम से एक अभियान चलाया था।  अभियान के जरिए यूथ कांग्रेस ने प्रदेश के 70 लाख बेरोजगार युवाओं को जोड़ने में सफल रहा। यूथ कांग्रेस की टीम इन बेरोजगार युवाओं से लगातार संपर्क कर रही है। कभी मोबाइल के जरिए तो कभी युवाओं के घर जाकर उन्हें कांग्रेस के वचनपत्र के बारे में समझा रही है।

युवा मतदाताओं पर पैनी नजर
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में 18 वर्ष से लेकर 19 वर्ष के ऐसे 22 लाख युवा ऐसे हैं जो मतदान में पहली बार हिस्सा लेंगे। वहीं  20 वर्ष से लेकर 29 वर्ष के 1 करोड़ 63 लाख युवा मतदाता है।  जबकि 30 से लेकर 39 वर्ष के बीच में  1 करोड़ 45 लाख युवा मतदाता है। युवा मतदाताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा इन्हें अपने- अपने पक्ष में साधने की कोशिश कर रही है। क्योंकि युवा मतदाता  चुनावी गणित बनाने और बिगाड़ने में इस बार बड़ी भूमिका निभाएंगे।युवा मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने युवा उम्मीदवारों को भी मौका दिया है।

अशिक्षित बेरोजगारों पर भी नजर
यूथ कांग्रेस शिक्षित बेरोजगारों के अलावा प्रदेश के अशिक्षित बेरोजगारों से भी लगातार संपर्क कर रहा है। यूकां के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने बताया कि आज अशिक्षितों को बेरोजगार से जोड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन कांग्रेस अशिक्षित बेरोजगारों को भी काम देने की योजना बना रही है। इन अशिक्षित बेरोजगार युवाओं से यूथ कांग्रेस की टीम घर- घर जाकर कमलनाथ के विजन के बारे में बता रही है। भूरिया ने बताया कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो अशिक्षित बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराया जाएगा।