उदयपुर.
भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए सबसे बड़े धर्मस्थल के रूप में अपनी पहचान रखने वाला नाथद्वारा अब सियासी वजह से भी चर्चाओं में है। राजस्थान के विधानसभा चुनावों में नाथद्वारा सबसे हॉट सीटों में से एक बन गई है। क्योंकि एक तरफ कांग्रेस के बड़े नेता सीपी जोशी हैं तो दूसरी तरफ भाजपा ने इस सीट पर नया प्रयोग करते हुए उदयपुर राज परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ मैदान में उतार दिया है। यानी कुल मिलाकर एक हाई प्रोफाइल मुकाबला इस सीट पर होने जा रहा है।
सीपी जोशी इस सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। राजस्थान कांग्रेस में उनके बराबर कद के नेता कम ही हैं। एक वक्त पर सीपी जोशी कांग्रेस के सबसे पॉवरफुल महासचिव थे, जिनके पास 17 राज्यों का प्रभार था। हालांकि, भाजपा ने विश्वराज सिंह मेवाड़ मैदान में उतारा है, उनका यह पहला ही चुनाव है। बीजेपी ने यहां से हमेशा राजपूत प्रत्याशी पर ही दांव खेला है। इसमें तीन बार बीजेपी की जीत भी हुई।
यहीं एक वोट से हारे सीपी जोशी
यह सीट इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि राजस्थान के चुनावी इतिहास का सबसे रोमांचक मुकाबला यहां 2008 में देखा गया। इन चुनावों में एक वोट से सीपी जोशी को हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी के कल्याण सिंह ने 2008 के विधानसभा चुनाव में सीपी जोशी को एक वोट से हराया था। कल्याण सिंह को 62,216 वोट मिले थे और सीपी जोशी ने 62,215 वोट हासिल किए थे।
क्यों है यह हॉट सीट जानिए
नाथद्वारा उदयपुर शहर से 45 किलोमीटर दूर है, यानी मेवाड़ की राजधानी रहे उदयपुर के सबसे नजदीक शहर है। इसलिए उदयपुर की राजनीति का असर भी पड़ता है। यहां कुल वोटर 2.34 लाख हैं। इसमें सबसे ज्यादा करीब 80 हजार वोट राजपूत समाज के हैं। इसके बाद आदिवासी और फिर ब्राह्मण समाज के। अब दोनों के बीच टक्कर की बात की तो सीपी जोशी यहां से पांच बार विधायक रहे हैं। लंबे समय से इसी सीट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं, इसलिए उन्हें इस सीट का सबसे ज्यादा अनुभव है।
मुद्दे- मंदिर री डेवलपमेंट बड़ा मुद्दा
मुद्दों की बात करें तो तो यहां अभी मुख्य तौर पर नाथद्वारा मंदिर के री डेवलपमेंट का एक बड़ा मुद्दा है। मंदिर और आसपास के इलाके का री डेवलपमेंट किया जा रहा है और इसके चलते आसपास के व्यापारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें नई जगह यहां और कैसी मिलेगी। अन्य कोई बड़ा मुद्दा यहां नहीं है। यहां से राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी मौजूदा विधायक हैं और इस नाते यहां विकास के काम ठीक-ठाक हुए हैं।