इंदौर
मध्य प्रदेश के इंदौर से बड़ी खबर है. यहां महाराजा यशवंत राव होलकर (MY) अस्पताल में कुछ दिनों पहले एचआईवी पॉजिटिव मरीज को थप्पड़ मारने वाले जूनियर डॉक्टर आकाश कौशल ने जहर खा लिया है. इस घटना के बाद इंदौर में हड़कंप मच गया है. जूनियर डॉक्टर यहां 3 नवंबर की देर रात से हंगामा कर रहे हैं. वे साथी डॉक्टर की आत्महत्या की कोशिश से भड़के हुए हैं. हंगामे की सूचना मिलते ही जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है.
गौरतलब है कि हाल ही में इंदौर से चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक डॉक्टर मरीज को ताबड़तोड़ थप्पड़ मार रहा था. जिस वक्त वह उसे बुरी तरह पीट रहा था, उस वक्त कई लोग वहां मौजूद थे. इस वीडियो के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर को निलंबित भी कर दिया था. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लोग लगातार शेयर कर रहे थे.
अस्पताल परिसर में जूनियर डॉक्टरों का हंगामा देर रात तक चलता रहा। जानकारी मिलते ही कमिश्नर के साथ अन्य अफसर भी मौके पर पहुंचे तो उनका भी घेराव कर दिया। उनका कहना है कि डॉक्टर पर हुई कार्रवाई ठीक नहीं है। इससे वह डिप्रेशन में आ गए थे। इस कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाया। एक सप्ताह पहले एमवाय हॉस्पिटल में इलाज के लिए आए एक एचआईवी मरीज को डॉ. कौशल द्वारा थप्पड़ मारने का आरोप लगाया गया था। एमवाय अस्पताल प्रशासन तक यह बात पहुंची तो उन्हें सस्पेंड कर जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई।
फिलहाल हालत खतरे से बाहर
कमिश्नर सहित जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष नयन जैन , मेडिकल कॉलेज के डीन सजंय दीक्षित के मुताबिक खुदकुशी की कोशिश करने वाले जूनियर डॉक्टर की हालत खतरे से बाहर है। सुरक्षाकर्मी और पुलिस प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए सजग है।
इस वजह से भड़का था डॉक्टर
बता दें, जूनियर डॉक्टर आकाश कौशल ह्डडी रोग विभाग में पदस्थ है. इलाज के वक्त पीड़ित मरीज ने आकाश को यह नहीं बताया था कि वह एचआईवी पॉजिटिव है. इस बात का पता चलते ही आकाश ने होश खो दिया और उसे मारने लगा. हालांकि, यह बात उसकी फाइल में लिखी हुई थी. बताया जाता है कि यह मरीज उज्जैन से रेफर किया गया था. 55 साल का यह मरीज 27 अक्टूबर की रात सड़क हादसे में घायल हो गया था. यहां आते ही आकाश ने उसका इलाज शुरू कर दिया.