नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से खराब कर्ज को लेकर चिंता जताने के बीच एक रिपोर्ट में छोटे मूल्य के व्यक्तिगत कर्ज (पर्सनल लोन) पर नजर रखने की जरूरत पर बल दिया गया है। ट्रांसयूनियन सिबिल की एक रिपोर्ट में कहा गया कि जनवरी, 2022 से जून, 2023 के बीच मात्रा के हिसाब से कुल खुदरा ऋण में एक-चौथाई 50,000 रुपये से कम के छोटे पर्सनल लोन रहे हैं। वहीं, जून, 2023 तिमाही में इस सेग्मेंट में नया कर्ज लेने वाले आधे से अधिक ग्राहकों के पास पहले से ही चार लोन थे।
शक्तिकांत दास ने किया था अलर्ट
बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिमों का जिक्र करते हुए बैंकों को असुरक्षित कर्ज पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा था। शक्तिकांत दास ने कहा था, “अपने आंतरिक निगरानी तंत्र को मजबूत करें ताकि बाद में परेशानी में पड़ने के बजाय किसी भी संभावित जोखिम को पहले ही नियंत्रित किया जा सके।”
आंकड़ों के अनुसार पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड को छोड़कर सभी तरह के लोन डिफॉल्ट में सुधार हुआ है। पर्सनल लोन में डिफॉल्ट अकाउंट पिछले वर्ष के 0.44% से बढ़कर 0.84% हो गए हैं। क्रेडिट कार्ड में चूक 1.46% से बढ़कर 1.63% हो गई है। हालांकि प्रॉपर्टी के एवज ऋण चूक में सुधार हुआ है। यह 3.19% से घटकर 2.18% पर आ गया है।