नईदिल्ली
यह सोचना ही बहुत गलत है कि दिल्ली सरकार पलूशन को कंट्रोल कर सकती है पूरी तरह से, यह कहना है आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के मंत्री गोपाल राय का। पर्यावरण मंत्री ने इसके पीछे दलील दी कि पलूशन का मैटर केवल दिल्ली का ही नहीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पलूशन के लिए बाहरी कारक अधिक जिम्मेदार हैं।
क्या पलूशन को कंट्रोल करने में दिल्ली सरकार फेल हो चुकी है? न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से किए गए इस सवाल के जवाब में गोपाल राय ने कहा, 'सबसे पहले तो यह सोचना ही गलत है कि दिल्ली सरकार पलूशन को कंट्रोल कर सकती है पूरी तरह से, क्योंकि पलूशन का मैटर केवल दिल्ली का है ही नहीं। एक रिसर्च हुआ था, दिल्ली के अंदर से दोगुना बाहर के कारक जिम्मेदार हैं। दिल्ली सरकार अपने स्तर पर युद्ध स्तर पर काम कर रही है।' उनका इशारा संभवत: हरियाणा-पंजाब, यूपी जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने की ओर था।
हवा की गुणवत्ता में पहले के मुकाबले अधिक सुधार का दावा करते हुए उन्होंने अपनी सरकार की तारीफ की। गोपाल राय ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल के प्रयासों का ही परिणाम है कि अभी केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की थी, 2015 में 365 दिन में से 109 दिन में एयर क्वालिटी अच्छी थी। काम करते करते पिछले साल हम 163 दिन तक पहुंचे थे। इस साल 200 से ज्यादा दिन दिल्ली को अच्छी क्वालिटी की हवा मिल सकी। अभी भी टास्क बना हुआ है कि एक नवंबर के बाद से 10-15 दिन का जो समय है, जैसा मौसम का परिवर्तन होता है, अभी और प्रयास हो रहे हैं, हम और फोकस करेंगे कि इसे भी कंट्रोल किया जा सके।'
गौरतलब है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। कई इलाकों में एक्यूआई 'अत्यधिक गंभीर' में पहुंच गया है। कुछ हॉटस्पॉट पर एक्यूआई 450 के पार बना हुआ है। दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य के लिए खतरनाक प्रदूषण से बच्चों की सुरक्षा करने की कवायद के तहत सभी प्राइमरी स्कूलों को दो दिन के लिए बंद करने की भी घोषणा की है। पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी पलूशन काफी बढ़ा हुआ है।
दिल्ली में और बढ़ सकता है एयर पॉल्यूशन
दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी का आकलन करने के लिए बुलाई गई एक बैठक के दौरान सीएक्यूएम ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण आने वाले दिनों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने का अनुमान है. दिल्ली में छाई धुंआ भरी धुंध गुरुवार को घनी हो गई, जिससे आसमान और सूरज छिप गया और विजिबिलिटी बहुत कम हो गई. इसके पीछे मुख्य वजह आस-पास के राज्यों में पराली जलाने की घटना बताई जा रही है.
चेतावनी जारी
डॉक्टरों ने सांस से जुड़ी समस्याओं के बारे में चेतावनी जारी की है. वैज्ञानिकों ने अगले दो सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में संभावित वृद्धि की भी चेतावनी दी है. विशेष रूप से, राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पहले ही 400 अंक को पार कर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच चुका है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में 24 घंटे का औसत AQI बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया था.