दमोह
शहर में 31 अक्टूबर के दिन अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 3 लोगों की जान जाने के साथ कई लोगों के घायल हो गए थे। जिनमें से कुछ की हालत सीरियस थी। इन्हीं लोगों में से दो और मजदूरों की जबलपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। इलाजरत लोगों की जान जाने से मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर पांच हो गई।
दरअसल, शहर के बीचों-बीच बनी पटाखा फैक्टी में31 अक्टूबर को एक विस्फोट हो गया था। ब्लास्ट के चलते इस अवैध फैक्ट्री की बिल्डिंग गिर गई थी जिसमें मालिक समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। ग्यारह श्रमिक, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं, घायल हो गये। उनमें से चार की हालत गंभीर हो गई और उन्हें इलाज के लिए जबलपुर ले जाया गया।
इलाज के दौरान गई जान
ब्लास्ट में घायल हुए मजदूरों को तुरंत इलाज के लिए जबलपुर लाया गया। जहां इनका इलाज चल रहा था। ट्रीटमेंट के दौरान ही श्रमिक रामकली कोष्टा और विनीता राजपूत को बचाया नहीं जा सका। जबलपुर में अन्य दो की हालत गंभीर बनी हुई है। पहले मारे गए लोगों की पहचान 39 वर्षीय मालिक अभय गुप्ता, 32 वर्षीय रिंकी और 19 वर्षीय अपूर्वा के रूप में हुई थी।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
जिला कलेक्टर ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जिस घर में पटाखा फैक्ट्री संचालित की जा रही थी वह खचाखच भरे रिहायशी इलाके में था। जब विस्फोट हुआ तब एक दर्जन कर्मचारी और फैक्ट्री मालिक मौजूद थे। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि विस्फोट किस वजह से हुआ। पुलिस यह भी पता करने में लगी है कि ब्लास्ट होने की वजह क्या थी।