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लालटेन के सहारे फॉरेस्ट जांच नाका, बिना नाका व बिजली का जांच नाका

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महज एक खम्भा दूर बिजली लाने गंभीर नहीं विभाग ।
मनेंद्रगढ़।
वन मण्डल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ का महत्वपूर्ण वनोपज जाँच नाका अपने अस्तित्व से ले कर आज तक बिजली का मुँह देखने को तरस रहा है। उल्लेखनीय है कि मनेंद्रगढ़ शहर से लगा ग्राम पंचायत लालपुर में वन विभाग का वनोपज जांच नाका लगा हुआ है। जहाँ पर विभाग के कर्मचारी रात दिन तैनात रह कर लकड़ी तस्करी एवं अन्य संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखते हैं। मगर विभाग की बेरूखी के कारण कर्मचारी अंधकार में रहने को मजबूर है।
महज एक खम्भा दूर बिजली :- ऐसा नहीं कि आसपास बिजली का साधन नहीं होने के कारण वनोपज जांच नाका में बिजली की सुविधा नहीं मिल पा रही है। फॉरेस्ट जांच नाका के पीछे एक खम्भा लगने से बिजली की समस्या को दूर किया जा सकता है। मगर विभाग की उदासीनता के कारण वनोपज जांच नाका लालटेन युग में बना हुआ है।
लाखों की सड़क – भवन बनाने में माहिर विभाग बना अनजान :- बिना तकनीकी ज्ञान के घने जंगलों में सड़क व भवन बनाने में माहिर विभाग शहर से लगे वनोपज जांच नाका की समस्या को दूर करने में दिलचस्पी ना लेना कहीं ना कहीं लकड़ी के अवैध कारोबारीयों की राह आसान करने जैसा प्रतीत होता है।
अधिकारी मोबाइल की रोशनी में करते निरीक्षण :- जांच नाका राष्ट्रीय राजमार्ग में होने की वजह से उच्च अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है। स्वयं विभाग के मुखिया जांच नाका पंजी निरीक्षण में अपने मोबाइल के रोशनी का प्रयोग करते नजर आए है। मगर नाका में तैनात वन कर्मचारी अंधेरे में कैसे काम करते हैं इस बात को जानना जरूरी नहीं समझते ।
नाका के बिना जांच नाका :- राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान पूर्व में लगा नाका को इस शर्त पर हटाया गया था कि शीघ्र ही नया नाका ठेकेदार द्वारा लगवा दिया जाएगा परंतु लगभग एक वर्ष बीत जाने के पश्चात भी विभाग ठेकेदार के भरोसे बैठा हुआ है। और बिना नाका के ही वनोपज जांच नाका संचालित हो रहा । नाका नहीं होने के फलस्वरूप वाहन धडल्ले से पार हो रहे है।वनोपज जांच मे तैनात वन कर्मी के सामने मूक दर्शक बनने के अलावा कोई चारा नहीं रहता ।